अली रजा
लखनऊ। भारत सरकार और पासपोर्ट अथॉरिटी वर्तमान में पासपोर्ट प्रक्रिया को लगातार आसान बनाने की जुगत में लगी है। पासपोर्ट आवेदकों की सुविधा के लिए नियमों को सरल बनाया गया है। साथ ही ऑनलाइन प्रकिया के माध्यम से उन्हें दलालों और लंबी-लंबी लाइनों के चक्कर से भी बचाया गया है।
हालांकि, इन सुविधाओं के बावजूद अभी भी पासपोर्ट आवेदक पुलिस वेरिफिकेशन के मकडजाल को नहीं समझ पा रहे हैं। आलम ये है कि आवेदकों को पुलिस वेरिकिकेशन के चलते आए दिन उन्हें थाने और संबंधित कार्यलयों में दौड़ना पड़ता है।
दरअसल, पासपोर्ट आवेदन करने में आवेदकों को पहले कई तरह के कागजात के साथ आवेदन करना पड़ता था, जिसे सरकार ने आसान बनाते हुए सिर्फ आधार कार्ड के माध्यम से एप्लाई करने का नियम बना दिया। लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन करने वाले कर्मचारी अभी भी आवेदकों को जांच प्रकिया में उलझा देते हैं।
थाने द्वारा आवेदक को फ़ोन करके आधार कार्ड, प्रधान द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र, फोटो, तहसील से शपथ पत्र और ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा जारी किया जाने वाला निवास प्रमाण पत्र के साथ थाने में जल्द से जल्द उपस्थित होकर इन्क्वारी करने की बात कही जाते है।
जनपद अंबेडकर नगर के थाना बसखारी सहित कई अन्य थानों के कर्मचारी लगातार आवेदक को कागज़ात प्रक्रिया में उलझा रहे है। जबकि पासपोर्ट सत्यापन के लिए आवेदकों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़े इसके लिए प्रदेश के सभी जनपदों की तरह अम्बेडकर नगर में भी न तो पुलिस उन्हें थाने या चौकी पर बुलाएगी, न ही उनको फोन करेगी, ऐसा उच्चाधिकारियों का आदेश है।
इसके बाद भी वेरिफिकेशन करने वाले कर्मचारी मासूम लोगों को डरा-धमका कर परेशान करते रहते हैं। वहीं, जब हमने अंबेडकर नगर जनपद के एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि कागज़ात की प्रक्रिया पर वह अभी इसकी जानकारी नहीं दे सकते है कि कौन से कागज़ अनिवार्य हैं। यानी कि अभी उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब जनपद में यह नियम लागू है कि पुलिस पासपोर्ट के आवेदन पत्र के वेरिफिकेशन के लिए आवेदक के घर नहीं जाएंगे बल्कि डीसीआरबी से आवेदक का अपराधिक रिकार्ड चेक करके सत्यापन फाइल को आगे भेज देंगे तो ऐसे में थाने द्वारा कागज़ की लिस्ट बताना और एसपी महोदय द्वारा यह कहना कि कागज़ कौन से अनियार्य हैं इसका जानकारी नियम देखकर देने की बात कहना समझ से परे हैं।
क्या है नियम
सामान्य पासपोर्ट में सत्यापन रिपोर्ट 21 दिन की समय सीमा में देने पर पुलिस विभाग को प्रति आवेदन 150 रुपये दिए जाते हैं जबकि निर्धारित समय के बाद 50 रुपये मिलते हैं। यदि पुलिसकर्मी को आवेदक की आपराधिक पृष्ठभूमि जांचने घर जाना जरूरी है या अन्य जांच करनी है तो वे कर सकते हैं। लेकिन घर जाकर आवेदक के निवास का सत्यापन करना या आवेदक के फॉर्म पर दस्तखत कराने की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। आवेदक को अपने पुराने पतों की जानकारी देने की बजाय केवल मौजूदा पते की जानकारी देनी है।
पुलिस अधिकारी को केवल अपने रिकार्ड जांचकर आवेदक की अपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी देनी होती है। एलआयू विभाग को दस्तावेजो का सत्यापन करना होता है।