जुबिली पोस्ट ब्यूरो
बस्तर। रक्षा और सुरक्षा के जिम्मेदार ही जब उसमें सेंधमारी करने लग जाते हैं तब जनता का विश्वास उनसे टूट जाता है और आने वाले ईमानदार से ईमानदार अधिकारी एवं कर्मचारी पर वह विश्वास सिर्फ इसलिए नहीं कर पाते हैं क्योंकि कुछ ऐसी घटनाएं आईना दिखा चुकी होती है जो पूरे महकमे पर काला दाग छोड़ जाती हैं।
ताज़ा मामला छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले का हैं जहां नक्सली बनकर पुलिस के जवान ही लोगों को लूट रहे थे और पुलिस नक्सली वारदात मानकर जांच में भी जुटी रहती थी।
लेकिन कहा जाता है कि कानून अगर खुद किसी घटना को सिर्फ कागजों में बंद न करें बल्कि उस पर अपनी नजरे जमाए जांच करता रहे तो मामला गम्भीर से गम्भीर ही क्यों ना हो खुलासा हो ही जाता है।
कुछ ऐसा ही इस मामले में भी हुआ नक्सली बनकर पुलिस के जवाना लोगों से बेखौफ तरीके से लूटपाट की और घटनाओं को लगातार अंजाम देते रहे, लेकिन उनकी छोटी सी गलती से पुलिस वालों को कामयाबी मिल गई। लगातार हो रही लूट की घटनाओं की जांच में जुटी पुलिस ने जब लूटे गए मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने में कामयाबी हासिल की तो मामले परत दर परत खुलती चली गयी।
इन वारदातों को भी दे चुके थे अंजाम
- 31 जुलाई : ओरछा मार्ग पर दो गाड़ी वालों को रोककर 11500 रुपये लूटे।
- 02 अगस्त: दंडवन-फरसगांव के सीसी मार्ग पर तीन लोगों को रोककर रुपये और मोबाइल लूटे।
- 04 अगस्त: मारडूम-बारसूर मार्ग पर गाड़ी वालों को रोककर 17500 रुपये, मोबाइल लूटे। गुप्ता ट्रैवल्स से पांच लाख की मांग की।
- 11 अगस्त: कोकोड़ी कैंप के पहले रास्ता रोककर गाड़ी वालों से 11 हजार रुपये लूटे।
लूटपाट कर बस में लगा दी आग
बस्तर के नारायणपुर थानान्तर्गत पिछले कुछ दिनों से ताबड़तोड़ हो रही लूटपाट की घटनाओं की जाँच कर रही थी लेकिन कोई कामयाबी हाथ नहीं लग रही थी। इसी बीच बेनूर थाने के पास कोकोड़ी गंगामुंडा में बस्तर ट्रैवल्स की एक यात्री बस को आग लगा दी गई। वारदात को अंजाम इस तरह दिया गया जैसा नक्सली करते रहे हैं। चार नकाबपोशों ने सड़क पर मोटरसाइकिल आड़ी-तिरछी खड़ी कर दी।
बस (सीजी-17 एफ-0930) सड़क पर रुक गई, तभी नकाबपोश हथियारबंद कथित नक्सलियों ने बस को कब्जे में ले लिया। उन्होंने यात्रियों और चालक-परिचालक के मोबाइल लूट लिए। फिर सभी को नीचे उतारकर बस में आग लगा दी।
आरोपितों तक कैसे पहुंची पुलिस
एसपी मोहित गर्ग के अनुसार घटना के दौरान लूटे गए मोबाइल की लेकेशन ट्रैक की जा रही थी इसी बीच एक मोबाइल की लोकेशन जिले के ग्राम बम्हनी थाना जिला कोंडागांव में मिली। टीम कोंडागांव गई। वहां बस्तर और कोंडागांव पुलिस की संयुक्त टीम गठित कर पुलिस ने बम्हनी गांव से आत्मसमर्पण कर पुलिस विभाग में सहायक आरक्षक पद पर भर्ती माधव कुलदीप (35) को उसके घर में दबोच लिया।
उसके पास से दो एयर पिस्टल, लूट की चार मोबाइल, बाइक और नगद राशि बरामद की। उसकी निशानदेही पर हिरदूराम कुमेटी (26) और डोलेंद्र बघेल (21) को भी गिरफ्तार किया गया। डोलेंद्र के कब्जे से तीन मोबाइल, एक बाइक व नगद राशि और हिरदूराम के पास से तीन मोबाइल और नगदी बरामद हुई। इसमें हिरदूराम पुलिस विभाग का बर्खास्त आरक्षक है, जबकि आरक्षक माधव काफी समय से ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहा था।