जुबिली स्पेशल डेस्क
किसान एक बार फिर गुस्से में है और अपनी मांगों को लेकर सडक़ पर उतर आये है लेकिन उनको उग्र देखकर पुलिस भी एलर्ट हो गई और मजबूत तैयारी के साथ उनको रोकने को तैयार है।
13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च के साथ राजधानी में प्रदर्शन करने वाले हैं और सरकार चाहती है कि उनके साथ बातचीत से मामले को सुलक्षा लिया जाये लेकिन ये आसान नहीं लग रहा है।
बीच का रास्ता निकालने के लिए केंद्र ने किसान नेताओं को 12 फरवरी को बातचीत के लिए बुलाया है। इस बीच किसान नेताओं का कहना है कि एक तरफ तो सरकार हमें बातचीत के लिए बुला रही है तो दूसरी तरफ हरियाणा में पुलिस की तैयारियों से हमें डराने की कोशिश की जा रही है।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एक तरफ तो सरकार हमें बातचीत का न्योता दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में पुलिस की भारी तैयारियों के जरिए हमें डराने की कोशिश भी की जा रही है। बॉर्डर सील किए जा रहे हैं धारा-144 लगा दी गई है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि इंटरनेट सेवा बंद करने का क्या सरकार के पास अधिकार है? ऐसे में सकारात्मक माहौल में बातचीत नहीं हो सकती है। सरकार इस तरफ तुरंत ध्यान दें।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के संबंध में कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए 13 फरवरी को 200 से अधिक किसान यूनियनों के समर्थन से ‘दिल्ली चलो’ मार्च की घोषणा की है। हरियाणा पुलिस के यातायात परामर्श में आम लोगों से अपील की गई है कि वे केवल अत्यावश्यक परिस्थितियों में ही पंजाब की यात्रा करें।
किसान संगठनों ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ अभियान के तहत किसानों से राष्ट्रीय राजधानी में जुटने का आह्वान किया है। इसमें यूपी, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत कई राज्यों के किसान संगठन शामिल हैं।