न्यूज डेस्क
दिल्ली के 72 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस प्रदर्शन कर रही है। दिल्ली मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे इन पुलिसकर्मियों ने तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘पुलिस वर्दी में हम इंसान हैं’ और ‘रक्षा करने वालों को सुरक्षा की जरूरत’ जैसे नारे लिखे थे।
शनिवार (2 नवंबर) को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प हुई थी। इस मामले ने आज नया मोड़ ले लिया। बीते तीन दिन से पूरे देश में जहां वकील इस घटना का विरोध कर रहे थे, वहीं आज दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिसकर्मी प्रदर्शन कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के इतिहास में इस तरह का प्रदर्शन पहली बार हो रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा, ’72 साल में पहली बार – पुलिस प्रदर्शन पर! क्या ये है भाजपा का ‘न्यू इंडिया’? देश को कहां और ले जाएगी भाजपा? कहां गुम हैं गृह मंत्री, श्री अमित शाह? मोदी है तो ही ये मुमकिन है!’
72 साल में पहली बार – पुलिस प्रदर्शन पर!
क्या ये है भाजपा का ‘न्यू इंडिया’?
देश को कहाँ और ले जाएगी भाजपा?
कहाँ गुम हैं गृह मंत्री, श्री अमित शाह?
मोदी है तो ही ये मुमकिन है!!! pic.twitter.com/SXNNF6vcYI
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 5, 2019
अधिकांश पुलिसकर्मी आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा हुए और उन्होंने अपने वरिष्ठों से अनुरोध किया कि वर्दी का सम्मान बचाने की खातिर वे उनके साथ खड़े रहें। इस बीच दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे।
पटनायक ने इस दौरान प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे पुलिसवालों से ड्यूटी पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये अपेक्षा की भी घड़ी है। हमसे सरकार और जनता अपेक्षा करती है और हमने उसे हमेशा पूरा किया वैसे आगे भी करें। ये हमारे लिए प्रतीक्षा की भी घड़ी है। प्रतीक्षा की घड़ी इसलिए भी कि हाईकोर्ट ने जो जांच कमेटी बैठाई है वह न्याय करेगी।
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के भाषण के दौरान पुलिसकर्मियों ने जबरदस्त नारेबाजी की। पुलिसवालों ने नारेबाजी की कि, पुलिस कमिश्नर कैसा हो किरण बेदी जैसा हो। इन नारों के बीच पुलिस कमिश्नर को वापस लौटना पड़ा।
इस बीच पुलिसकर्मियों को समझाने के लिए आला अधिकारी डीसीपी ईश सिंघल भी उनके बीच पहुंचे और कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी बात मानने के बजाय, ‘हमें न्याय चाहिए'(वी वांट जस्टिस) के नारे लगाए।
सिंघल ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आप लोगों की मंशा जायज है, आपका आना विफल नहीं जाएगा, हम लोग बैठकर बात करेंगे। यह सुनते ही प्रदर्शनरत पुलिसवाले शोर मचाने लगे। ईश सिंघल के बाद स्पेशल सीपी क्राइम सतीश गोलचा भी प्रदर्शकारियों से मिलने पहुंचे लेकिन इन लोगों ने उनकी भी बात नहीं सुनी।
Delhi: Police personnel hold protest outside Police Head Quarters (PHQ), against the clash that broke out between police & lawyers at Tis Hazari Court on 2nd November. pic.twitter.com/ObM3nFcVgF
— ANI (@ANI) November 5, 2019
दिल्ली पुलिस के जवान काली पट्टी बांधकर मुख्यालय के बाहर जुटे। उनका कहना है कि हम भी वर्दी के पीछे एक इंसान हैं, हमारा भी परिवार है। हमारी पीड़ा कोई क्यों नहीं समझता।
पुलिसवालों का सवाल है कि मानवाधिकार हमारे लिए नहीं है क्या। हमें कोई भी मारता-पीटता रहे और हम शांत रहें। हमें इंसाफ चाहिए और अगर पुलिस कमिश्नर हमारी बात नहीं सुनते तो हम गृहमंत्रालय तक जाएंगे। वहां तक शांतिपूर्ण मार्च करेंगे।
गौरतलब है कि इस पूरे मामले में अब गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है दिल्ली के तमाम जिलों से पुलिसवाले यहां एकत्र हो रहे हैं और शाम तक सभी पुलिसकर्मी यहां प्रदर्शन में शामिल हो जाएंगे।
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