जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों का हाल किसी से छिपा हुआ नहीं है, ये जानते हुए भी यूपी रोडवेज की बसों को चुनाव ड्यूटी में शामिल किया गया, जिसका भुगतान पुलिस को करना पड़ सकता है। यूपी रोडवेज की खटारा बसें लोकतंत्र के उत्सव को फीका कर रही हैं।
मजे की बात ये है की साधारण श्रेणी की बसें लोकसभा चुनाव की तैयारियों में बाधा बन रही है। चुनाव में तैनात कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के लिए भेजी गई बसें बीच रास्ते सफर में धोखा दे रही है। फतेहपुर के निकट चुनाव डयूटी में लगी एक रोडवेज बस के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से सुरक्षा बल व कर्मचारी इन बसों पर बैठने से दूर भाग रहे है।
परिवहन निगम की इस व्यवस्था से नाराज डीजीपी ओपी सिंह ने रोडवेज के अधिकारियों को पत्र लिखाकर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने चुनाव में भेजी गई बसें और तैनात किए गए ड्राइवरों की सूची मांगी हैं। पहले चरण में 500 से ज्यादा बसें चुनाव ड्यूटी में भेजी गई है।
खटारा बसों की जानकारी जब डीजीपी को हुई तो उन्होंने अधिकारियों को पत्र लिखाकर खटारा बसों को हटाने और तैनात कर्मियों का ब्यौरा मांगा है। चुनाव ड्यूटी में भेजी गई बसों के ड्राइवर अनुभवी होने चाहिए। कम से कम उन्हें बस संचालन का पांच वर्ष का अनुभव हो।
ऐसे चालकों को इन बसों में ड्यूटी लगाई जाए। इस मामले में क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया कि चुनाव डयूटी में लगी एक बस दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी। ऐसे में डीजीपी ने सभी बसों के कंडीशन और बस चालकों की लिस्ट मांगी है। जल्द ही उन्हें सभी जानकारी भेज दी जाएगी।