न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 18 दिन से धरने पर बैठीं महिलाओं को हटाने के लिए बुधवार को यूपी पुलिस प्रयागराज के रोशन बाग स्थित मंसूर अली पार्क पहुंची। लेकिन महिलाओं का विरोध देखते हुए पुलिस को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा। वहीं, कौशांबी और प्रतापगढ़ में प्रदर्शन उग्र होता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
दिल्ली के शाहीन बाग की तरह प्रयागराज के पुराने शहर रोशन बाग स्थित मंसूर अली पार्क में 11 जनवरी को प्रदर्शन शुरू हुआ था। तब से यहां महिलाएं तिरंगा, बैनर व पोस्टरों के साथ सीएए को वापस लेने की मांग कर रही हैं।
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सीएम योगी के शहर में आने से पहले ही पार्क को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सीएए वापस नहीं होता है, उनका धरना खत्म नहीं होगा।
वहीं कौशांबी में भी सीएए के विरोध में प्रदर्शन हुए। करारी कस्बे में बवाल की सूचना पर मंझनपुर सीओ सच्चिदानंद पाठक फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे झड़प करने पर उतारू हो गए।
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जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां भांजी। पुलिस ने बैनर, पोस्टर व उनकी तख्तियां जब्त कर ली। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया।
प्रतापगढ में भी सीएए व एनआरसी के विरोध में कुण्डा में सैकड़ों लोगों ने बुधवार को लखनऊ- प्रयागराज हाइवे जाम कर दिया। पुलिस के समझाने पर प्रदर्शनकारी उनसे ही उलझ गए, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को दौड़ाया। भगदड़ के दौरान एक सिपाही को चोट भी लगी। आरोप है कि प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी और देश विरोधी नारेबाजी कर रहे थे।
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