दीपक जोशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे को लेकर केंद्र सरकार और अशोक गहलोत सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
दरअसल पीएम मोदी के राजस्थान दौर पर अशोक गहलोत ने गुरुवार को बड़ा आरोप लगा डाला है। गहलोत के मुताबिक पीएम मोदी के कार्यक्रम से उनके भाषण को हटा दिया गया है लेकिन पीएम के ऑफिस से इसका जवाब आया है जिसमें साफ कहा गया है कि अशोक गहलोत को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उनके दफ्तर ने ही आने में असमर्थता जताई थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर जवाब दिया है कि अशोक गहलोत जी, प्रोटोकोल के तहत आपको कार्यक्रम में बुलाया गया है और भाषण का वक्त भी दिया गया है। लेकिन आपके ऑफिस ने ही कहा था कि आप इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी यात्राओं के दौरान भी आपको हर बार बुलाया गया था, आप हर बार कार्यक्रम में शामिल भी हुए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में लिखा है कि आज के कार्यक्रम में आपका अभी भी स्वागत है, विकास से जुड़े कामों की प्लेट पर आपका नाम लिखा गया है. जबतक चोट की वजह से आपको आने में कोई शारीरिक असमर्थता ना हो, आपकी उपस्थिति को पूरा महत्व दिया जाएगा।
अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा था
अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा था कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय PMO ने मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकूंगा अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहेदिल से स्वागत करता हूं।
आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण और शिलान्यास राजस्थान सरकार व केन्द्र की भागीदारी का परिणाम है। इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपये है जिसमें 2,213 करोड़ केन्द्र का और 1,476 करोड़ राज्य सरकार का अंशदान है।
मैं राज्य सरकार की ओर से भी सभी को बधाई देता हूं। मैं इस कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम से जो मांग रखता वो इस ट्वीट के माध्यम से रख रहा हूं। आशा करता हूं 6 महीने में की जा रही इस सातवीं यात्रा के दौरान आप इन्हें पूरी करेंगे-
1. राजस्थान खासकर शेखावटी के युवाओं की मांग पर अग्निवीर स्कीम को वापस लेकर सेना में परमानेंट भर्ती पूर्ववत जारी रखी जाए। 2. राज्य सरकार ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी को-ऑपरेटिव बैंकों से 21 लाख किसानों के 15,000 करोड़ रुपये के कर्जमाफ किए हैं।
हमने केन्द्र सरकार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जमाफ करने के लिए वन टाइम सैटलमेंट का प्रस्ताव भेजा है जिसमें किसानों का हिस्सा हम देंगे। इस मांग को पूरा किया जाए।
3. राजस्थान विधानसभा ने जातिगत जनगणना के लिए संकल्प पारित कर भेजा है। केन्द्र सरकार इस पर अविलंब निर्णय ले।
4. NMC की गाइडलाइंस के कारण हमारे तीन जिलों में खोले जा रहे मेडिकल कॉलेजों में केन्द्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। ये पूरी तरह स्टेट फंडिंग से बन रहे हैं। इन आदिवासी बाहुल्य तीनों जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी केन्द्र सरकार 60% की फंडिंग दे।
5. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया जाए। मेरा आपसे निवेदन है कि आप इन मांगों पर आज सकारात्मक रुख अपनाकर प्रदेश वादियों को आश्वस्त करें।