जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ द्वारा बनाये गए पेगासस नाम के स्पाइवेयर प्रोग्राम के भारत में प्रयोग किये जाने के मामले की जांच कराने के लिए भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की गई कार्रवाई की सूचना को भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय ने आरटीआई एक्ट के तहत सार्वजनिक करने से मना कर दिया है.
दरअसल यूपी की राजधानी लखनऊ के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय में सूचना का अधिकार कानून के तहत अर्जी देकर यह जानना चाहा था कि बहुचर्चित पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए देश के प्रधानमंत्री कार्यालय ने क्या-क्या कार्रवाई की है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव एवं केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी प्रवीन कुमार ने कहा है कि माँगी गई सूचना सूचना का अधिनियम 2005 की धारा 2(f) के अंतर्गत सूचना की परिभाषा में नहीं आती है और सूचना देने से इन्कार कर दिया है.
आरटीआई एक्टिविस्ट ने कहा है कि सूचना का अधिनियम 2005 की धारा 2(f) के अनुसार किसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में धारित अभिलेख, दस्तावेज, ज्ञापन, ई-मेल, मत, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, लागबुक, संविदा रिपोर्ट, कागज़ पत्र, नमूने, मॉडल, आंकड़ों संबंधी सामग्री सूचना की परिभाषा में आते हैं और इस आधार पर आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ द्वारा बनाये गए पेगासस नाम के स्पाइवेयर प्रोग्राम के भारत में प्रयोग किये जाने के मामले की जांच कराने के लिए भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की गई कार्रवाई की सूचना भी सूचना की परिभाषा से आच्छादित है.
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प्रवीन कुमार के इस उत्तर को मनमाना और आरटीआई एक्ट के अनुसार नहीं होने की बात कहते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरटीआई एक्ट की धारा 19(1) के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रथम अपीलीय अधिकारी को प्रथम अपील भेज दी है.