न्यूज डेस्क
चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में मौत का तांडव कर रहा है। वैश्विक महामारी का रूप ले चुका वायरस भारत में भी करीब ढ़ेड लाख लोगों को अपने चपेट में ले चुका है। कोरोना संकट के बीच भारत और चीन की सेनाओ के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।
इस बात की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। इसमें Chief of Defence Staff जनरल बिपिन रावत भी शामिल थे। इसके अलावा इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय में भी एक बैठक हुई।
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दरअसल चीन पूर्वी लद्दाख इलाके में भारत की सड़क और अन्य सामरिक तैयारियों को लेकर परेशान है। वह चाहता है कि भारत इस इलाके में सभी तरह के निर्माण कार्य रोक दे, लेकिन भारत किसी भी निर्माण कार्य को रोकने के पक्ष में नहीं है। भारत इस बार चीन को उसी की भाषा में जवाब देने और आरपार के मूड में है।
चीन के साथ तनातनी के हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम पीएमओ में लद्दाख के हालात पर विस्तृत रिपोर्ट ली। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं से मौजूदा हालात पर विकल्प सुझाने के लिए कहा है। दूसरी ओर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और राष्ट्रपति शी जिंग ने अपने सेना को तैयार रहने को कहा है।
साथ ही चीनी राष्ट्रपति ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों से एक अपील की है। उन्होंने कहा है कि जो चीनी नागरिक भारत में रह रहे हैं और वापस अपने देश आना चाहते हैं तो ऐसे लोग 27 मई तक अपना रजिस्ट्रेशन करा दें।
इससे पहले भारत के तीनों सेनाओं की तरफ से लद्दाख में चीन के साथ बने हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विस्तृत रिपोर्ट दी गई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। तीनों सेनाओं ने मौजूदा हालातों के मद्देनजर आसपास मौजूद डिफेंस असेट्स और तनाव बढ़ने की हालात में रणनीतिक और सामरिक विकल्पों को लेकर सुझाव दिए. तीनों सेनाओं ने मौजूदा हालात को लेकर अपनी तैयारियों का ब्लूप्रिंट भी प्रधानमंत्री को सौंपा।
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पीएम ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत से हालात की जानकारी ली। जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं की तरफ से मौजूदा स्थिति और उससे निपटने के इनपुट दिए. साथ ही सेनाओं की तैयारियों का खाका पेश किया। इन सबके बीच भारत और चीन के उच्च सेना अधिकारी इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ये कोशिश कितनी सफल होगी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख से सटे चीन के इलाके में चीन और पाकिस्तान का शाहीन नाम का युद्ध अभ्यास चल रहा था। उसके बाद से चीन दौलत बेग ओल्डी, गलवान नाला और पेंग्योंग लेक पर अपने 5000 से ज्यादा सिपाही टेंटों के साथ तैनात कर दिए हैं। भारत ने भी चीन के सैनिकों के सामने बराबर की तादाद में टेंट गाड़ के अपने सैनिक तैनात कर दिए। इससे पहले 6 और 7 मई को चीन और भारत के सैनिकों की सीमा की निगरानी के दौरान पेंग्योंग लेक इलाके में झड़प भी हुई थी। इसके बाद से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है।
इस बीच रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि अमेरिका समेत कई देशों का ऐसा मानना है कि कोरोना वायरस के पीछे चीन की कोई साजिश है। दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए चीन भारत के साथ सीमा विवाद को आसानी से सुलझाना नहीं चाहता।
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या करीब 56 लाख है और करीब साढ़े तीन लाख लोगों की इससे मृत्यु हो चुकी है। ये सब चीन की वजह से हुआ, क्योंकि पहले उसकी लापरवाही की वजह से वायरस फैला और फिर उसने सही समय पर दुनिया को इसकी जानकारी भी नहीं दी। इससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं कमजोर हो गईं, करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गईं, उद्योग धंधे बंद हो गए, अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं बची और पूरी दुनिया आर्थिक मंदी में चली गई।