Wednesday - 30 October 2024 - 6:07 PM

कॉरपोरेट स्टाइल में तैयार होगा मंत्रालयों का रिपोर्ट कार्ड

न्‍यूज डेस्‍क

पीएम नरेंद्र मोदी आज अपनी कैबिनेट के साथ बैठक करेंगे। मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपे जाने के बाद मोदी कैबिनेट की ये पहली बैठक होगी। इस दौरान केंद्र सरकार के छोटे और दीर्घकालिक एजेंडे पर चर्चा हो सकती है।

बैठक में सरकार की अगले पांच वर्षों की सोच का व्यापक खाका खींचे जाने की संभावना है सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पांच जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट की तैयारियों पर चर्चा संभावित है। इसके अलावा इस बैठक में कैबिनेट कुछ विधेयकों को भी मंजूरी दे सकती है, जो पिछली सरकार के कार्यकाल में पास नहीं हो पाए थे।

16वीं लोकसभा के कार्यकाल में तीन तलाक बिल लोकसभा में मंजूर हो गया था, लेकिन राज्यसभा में संख्याबल कम होने की वजह से यह बिल पास नहीं हो पाया था। माना जा रहा है कि सरकार इस बिल को लेकर गंभीर है और दोबारा इसे संसद में पास कराने की पूरी कोशिश की जाएगी। लिहाजा, कैबिनेट बैठक में इस बिल पर चर्चा हो सकती है।

सचिवों के साथ हुई बैठक में मोदी ने उनसे कहा था कि योजना और रोडमैप बनाना और भारत को पांच महाशंख डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए फैसले लेना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है।

इस बैठक में मोदी के नए मंत्रिपरिषद के सभी मंत्री शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्रियों के काम का तो बंटवारा हो चुका है और मंत्रियों ने संबंधित मंत्रालयों को जिम्मेदारी भी संभाल ली है, लेकिन राज्य मंत्रियों के काम का बंटवारा अभी बाकी है। बुधवार को होने वाली बैठक में इनकी भूमिका भी तय की जा सकती है।

इसके अलावा सरकार का ध्यान प्रधानमंत्री किसान योजना को हर योग्य व्यक्ति तक पहुंचाने पर भी होगा। इस योजना को बेहतर तरीके से लागू करने के बारे में बैठक में विचार किया जा सकता है।

सरकार के एजेंडे पर 10 अध्यादेशों की जगह लेनेवाले कानूनों सहित कई अहम विधेयक भी हैं, जो अगले हफ्ते  शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान पेश किए जाने हैं। कैबिनेट बैठक में इस बारे में चर्चा संभव है।

इस साल तक मोदी ने जिन योजनाओं को पूरा करने का टारगेट रखा हुआ है उनमें किसानों की आय दोगुनी करना सबसे अहम है। इसके अलावा सबको पक्का घर देने की भी योजना शामिल है। इन योजनाओं को कैसे लागू ढंग से लागू करें इस पर भी चर्चा हो सकती है।

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद कारपोरेट स्टाइल में हर तीन माह में अपने मंत्रियों के काम की समीक्षा करेंगे। दूसरी ओर प्रधानमंत्री कार्यालय प्रतिदिन के कामकाज के आधार पर मंत्रालयों के प्रदर्शन की रिपोर्ट तैयार करेगा, ताकि जनता के लिए जो योजनाएं तैयार की जा रही हैं उसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।

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