जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा राज्य सभा में करीब 13-14 घंटे तक 50 से अधिक माननीय सदस्यों ने अपने बहुमूल्य विचार रखे।
इसलिए मैं सभी आदरणीय सदस्यों का हृदय पूर्वक आभार व्यक्त करता हूं। आपको बता दें कि संसद में पारित तीनों कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली से सटी विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर किसान आंदोलनरत हैं।
पीएम ने किसानों से आंदोलन खत्म करने को कहा है। उन्होंने कहा कि बात करने के लिए तैयार हैं। सभी विकल्प खुले हैं। पीएम ने राज्यसभा में कहा, ‘एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा’
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं। श्रमजीवी… बुद्धिजीवी… ये सारे शब्दों से परिचित हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है और वो है आंदोलनजीवी। ये जमात आप देखोगे वकीलों का आंदोलन है, वहां नजर आएंगे… स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे… मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे… कभी पर्दे के पीछे कभी पर्दे के आगे। ये पूरी टोली है जो आंदोलनजीवी है। वो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा।”
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट आया, तो भारत के लिए दुनिया चिंतित थी। अगर भारत खुद को नहीं संभाल पाया तो दुनिया के लिए संकट होगा। भारत ने अपने देश के नागरिकों की रक्षा करने के लिए एक अज्ञात दुश्मन से जंग लड़ी। लेकिन आज दुनिया इस बात पर गर्व कर रही है कि भारत ने ये लड़ाई जीती है। ये लड़ाई किसी सरकार या व्यक्ति ने नहीं जीती, लेकिन हिंदुस्तान को तो इसका क्रेडिट जाता है।
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विपक्ष ने मजाक उड़ाया
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में एक बूढ़ी महिला ने झोपड़ी के बाहर दीया जलाया, लेकिन उसका भी मजाक उड़ाया गया। विपक्ष ऐसी बातों में ना उलझे, जिनसे देश के मनोबल को चोट पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस देश को तीसरी दुनिया का हिस्सा माना जाता था, उसी भारत ने एक साल में दो वैक्सीन बनाई और दुनिया को मदद पहुंचाई। पीएम मोदी ने कहा कि जब कोरोना के खिलाफ कोई दवाई नहीं थी, तब भारत ने 150 देशों को दवाई पहुंचाई. अब जब वैक्सीन आ गई है, तब भी दुनिया को भारत ही वैक्सीन दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के अंदर भी केंद्र और राज्य की सरकारों ने मिलकर काम किया है।
यहां लोकतंत्र को लेकर काफी उपदेश दिए गए हैं। मैं नहीं मानता कि जो बातें बताई गई हैं देश का कोई भी नागरिक उन पर भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं, ऐसी गलती हम न करें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/YlByIj70Wz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2021
ब्रायन पर पलटवार
पीएम मोदी ने कहा कि यहां पर लोकतंत्र को लेकर उपदेश दिए गए, भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी इस तरह खाल उधेड़ी जा सके। टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन पर पलटवार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने जिन शब्दों का प्रयोग किया, तो ऐसा लगा कि वो बंगाल की बात कर रहे हैं या देश की। वहीं, प्रकाश सिंह बाजवा भी जब बात कर रहे थे तो लगा कि वो कांग्रेस काल के आपातकाल, 1984 के दंगों का जिक्र करेंगे।
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भारत का राष्ट्रवाद ना तो संकीर्ण है
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक मूल्यों से भरा हुआ है, प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन हमें मिलता है। आज देशवासियों को भारत के राष्ट्रवाद पर हो रहे हमलों से बचाना जरूरी है। भारत का राष्ट्रवाद ना तो संकीर्ण है, ना ही आक्रामक है। ये सत्यम शिवम सुंदरम के मूल्यों से प्रेरित है’। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में बताया कि ये शब्द नेताजी सुभाष चंद्र बोस के हैं।
भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें दुनिया से लोकतंत्र सीखने की जरूरत नहीं है, भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है. जब देश में आपातकाल लगा, तो न्यायपालिका और देश की क्या हालत थी सभी को पता है। लेकिन देश का लोकतंत्र इतना ताकतवर है कि आपातकाल को हमने पार कर दिया।