Monday - 28 October 2024 - 6:23 PM

पीएम मोदी ने मन की बात में इनका भी जिक्र

जुबिली न्यूज़ डेस्क

साल 2020 अपने अंतिम दिनों में हैं। नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए देश में तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। इस बीच पीएम मोदी ने इस साल में अंतिम बार अपने मन की बात कार्यक्रम में लोगों को संबोधित किया। अपने मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने आने वाले नए साल के लिए देशवासियों को शुभकामनाएं दी साथ ही नए साल में नए आइडियाज के साथ आने की बात कही।

अपने मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है। अगले साल अगली मन की बात होगी। देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है। इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है। देश में बने खिलौनों की मांग बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि मुझे कई देशवासियों के पत्र मिले हैं। इनमें से ज्यादतर में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है। जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया, लोगों ने एकजुटता दिखाई जिसे लोगों ने याद किया है।

उन्होंने कहा कि देश के सम्मान में सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया है। मैंने देश में आशा का एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है। चुनौतियां खूब आई, संकट भी अनेक आए। कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चैन को लेकर कई तकलीफें आई, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए।

पीएम ने कहा कि जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट की सोच के साथ काम करने का ये सही समय है। मैं देश के मैन्युफैक्चरर्स और इंडस्ट्री के लोगों से ये आग्रह करता हू। देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है, वोकल फॉर लोकल.. ये आज घर-घर में गूंज रहा है।

ऐसे में, अब यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय हों। हमें वोकल फॉर लोकल की भावना को बनाये रखना है, और इसी के साथ आगे बढ़ना है। आप हर साल न्यू ईयर पर रेजोल्यूशन लेते हैं, तो इस बार एक रेजोल्यूशन अपने देश के लिए जरुर लेना है।

इसके अलावा उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि आज ही के दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें।

लेकिन, हमारे साहिबजादों ने कम उम्र में गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई। दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए।

पीएम बोले कि हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है।

यही नहीं पीएम ने अपने कार्यक्रम में देश के अंदर बढ़ रहे शेरों की संख्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तेंदुओं की संख्या भी 60 फीसदी बढ़ी है। 2014 से 2018 के बीच भारत में तेंदुओं की संख्या 60 फीसदी बढ़ी। 2014 में, देश में तेदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी, वहीं 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी। भारतीय वनक्षेत्र में भी बढ़ावा हो रहा है।

देश के मध्य भारत के राज्यों में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है. इन राज्यों में मध्यप्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही उन्होंने गीताके बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि गीता हमें हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है. गीता की विशिष्टता ये भी है कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है जब तक जिज्ञासा है, तब तक जीवन है।

पीएम ने कहा कि हम सबने इंसानों वाली वीलचेयर देखी है, लेकिन, कोयंबटूर की एक बेटी गायत्री ने, अपने पिताजी के साथ, एक पीड़ित कुत्ते के लिए वीलचेयर बना दी। ये संवेदनशीलता, प्रेरणा देने वाली है, और, ये तभी हो सकता है, जब व्यक्ति हर जीव के प्रति, दया और करुणा से भरा हुआ हो। तो आइये, दूसरों की देखभाल के लिए सेवा-भाव से भरे इस प्रकार के प्रयासों को प्रोत्साहित करें। यह वास्तव में एक ऐसा सत्कार्य है, जो समाज की संवेदनाओं को सशक्त करता है।

उन्होंने बताया कि  आपको यह जानकर खुशी होगी कि कश्मीरी केसर को जीआई टैग का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे लॉन्च किया गया। अब इसका निर्यात बढ़ने लगेगा। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा।

वहीं दूसरी तरफ विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने शनिवार को माले कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ के समय देशभर में थाली पीटेंगे और एक जनवरी को संविधान की प्रस्तावना का पाठ कर मांगें पूरी होने तक आंदोलन पर डटे रहने का संकल्प लेंगे।

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बात करें पिछले कार्यक्रम की तो पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को लेकर बात की थी। उन्होंने कहा था कि भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।

मेरा नौजवानों, खासकर कृषि की पढ़ाई कर रहे लाखों छात्रों से आग्रह है कि वे अपने आसपास के गांवों में जाकर किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में और हाल में हुए कृषि सुधारों के बारे में जागरुक करें।

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