Thursday - 1 August 2024 - 12:24 AM

NAM समिट से पीएम मोदी ने क्यों बनाई दूरी

न्‍यूज डेस्‍क

भारत उन देशों में रहा है जिसने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार गुटनिरपेक्ष देशों की शिखर बैठक से दूर रहेंगे। सरकार ने मंगलवार देर रात यह ऐलान किया कि अजरबैजान के बाकू में 25-26 अक्टूबर गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे।

लगातार दूसरी NAM समिट से पीएम मोदी के दूर रहने को भारत की विदेश नीति में बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। यह बताता है कि कैसे भारत एक गुटनिरपेक्ष देश से एक ऐसे मुल्क में बदल रहा है जो बहुपक्षीय संबंधों को तरजीह देता हो।

मोदी 2016 में असल मायने में पहले ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री बने जिन्होंने गुटनिरपेक्ष देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में शामिल नहीं हुए। उस समय वेनेजुएला में NAM की 17वीं शिखर बैठक हो रही थी, लेकिन उसमें भारतीय पीएम नहीं पहुंचे।

खास बात यह है कि नेपाल और बांग्लादेश जैसे भारत के पड़ोसी देश एक बार फिर NAM में अपनी आस्था जता रहे हैं और उनके प्रधानमंत्री क्रमशः केपी ओली और शेख हसीना ने शिखर बैठक में शिरकत की पुष्टि की है। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद भी इसमें हिस्सा लेंगे। पिछली शिखर बैठक में भी भारत का प्रतिनिधित्व तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किया था।

बता दें कि भारत उन देशों में रहा है जिसने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी। वैसे 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने भी NAM शिखर बैठक में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन वह एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री थे।

बाकू समिट में ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि समिट में उपराष्ट्रपति नायडू आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं को जोरदार तरीके से रखेंगे। भारत चाहता है कि NAM महज मूकदर्शक बनने के बजाय आतंकवाद को लेकर एक कार्यकारी समूह का गठन करे।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com