न्यूज डेस्क
पीएम नरेंद्र मोदी अक्सर अपने फैसले से सबको चौंका देते हैं। अपने मंत्रिमंडल में उन्होंने पूर्व विदेश सचिव को सीधे कैबिनेट मंत्री बना ऐसा ही किया। इसी तरह लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी अरबन हाउसिंग और एविएशन जैसा अहम मंत्रालय हरदीप पुरी को देने के बाद मोदी ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।
दरअसल, पीएम मोदी हमेशा मजबूत ब्यूरोक्रेसी और उन्हें पूरी आजादी के साथ काम करने वाले पहले सीएम और अब पीएम के रूप में जाने जाते रहे हैं। पीएम मोदी की टीम में इस बार कैबिनेट या स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों में जो ब्यूरोक्रेसी बैंकग्राउंड के हैं, उसमें हरदीप पुरी और जयशंकर के अलावा आरके सिंह भी हैं। इसी तरह पंजाब सरकार में पूर्व नौकरशाह रहे सोम प्रकाश को भी शामिल किया गया है।
वो मंत्री जो पहले थे ब्यूरोक्रेट्स
सुब्रह्मण्यम जयशंकर
मोदी मंत्रीमंडल में सबसे चौकानें वाला नाम विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर का है। बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के मना करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट में पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को शामिल किया और उन्हें विदेश मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है। अभी तक जयशंकर किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
पीएम मोदी के इस चौकाने वाले फैसले के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर की काफी चर्चा हो रही है। एस जयशंकर 2015 से 2018 तक विदेश सचिव थे और इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और शायद इसीलिए पीएम ने उन्हें विदेश मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री बनाया है। जयशंकर को चीन और अमेरिका मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। जयशंकर को जनवरी में देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के सामने अब कई तरह की चुनौतियां हैं जिसका उन्हें कूटनीतिक तरीके से हल निकालना होगा। इसमें अमेरिका और ईरान के बीच तनावों के बढ़ने, चीन के दक्षिण एशिया में घुसने के प्रयासों और पाकिस्तान के साथ भारत के समान रूप से समस्याग्रस्त संबंधों के रूप में अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियाँ शामिल हैं।
हरदीप पुरी
अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद भी हरदीप पुरी को मोदी मंत्रीमंडल में जगह मिली है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिये भी उन्होंने गुरुवार को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। पिछली बार अमृतसर लोकसभा सीट से अरुण जेटली को शिकस्त मिली थी और वे देश वित्त मंत्री बने थे। चुनाव हारने के बावजूद दोबारा मोदी सरकार में अपना स्थान सुरक्षित रखने वाले पुरी, एकमात्र भाजपा नेता हैं। मोदी सरकार में 2017 में शामिल किए गए पुरी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं।
भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी हरदीप सिंह पुरी को मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में पुरी आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। विदेश सेवा के 1974 बैच के अधिकारी पुरी बतौर राजनयिक विदेशों में अहम पदों पर कार्यरत रहे। उन्होंने 2009 से 2013 तक संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थाई प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा एवं आतंकवाद निरोधक मामलों में पुरी को विशेषज्ञता हासिल है। वह अगस्त 2011 और नवंबर 2012 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रहे। साथ ही जनवरी 2011 से फरवरी 2013 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति के अध्यक्ष पद का दायित्व भी संभाला। बतौर राजनयिक, कई देशों में भारत के राजदूत रहे पुरी ने विदेश मंत्रालय में भी अहम पदों पर कार्य किया है।
आर के सिंह
बिहार कैडर के 1975 बैच के आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी रहे आरके सिंह को एक बार फिर मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। पहली मोदी सरकार में आरके सिंह ऊर्जा राज्य मंत्री रहे। सरकारी सेवा से रिटायर्ड होने के बाद आरके सिंह 2013 में भाजपा में शामिल हो गए थे। साल 2014 में आरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और मंत्रिमंडल विस्तार में 2017 में ऊर्जा एवं गैर परंपरागत ऊर्जा मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।
आरके सिंह 1974 में भारतीय पुलिस सेवा से जुड़े और उसके बाद 1975 में आईएएस में आये। वह 1981 से 1983 के दौरान पूर्वी चंपारण और 1983 से 1985 तक पटना के जिला मजिस्ट्रेट रहे। सिंह जेल महानिरीक्षक भी रहे। वह गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव और सचिव रहे। उन्होंने पुलिस को आधुनिक रूप देने की योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और जेल के आधुनिकीकरण की शुरुआत की। सिंह ने आपदा प्रबंधन की रूपरेखा रखने में भी अहम भूमिका अदा की।
आरके सिंह ने एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की भी शुरूआत की। वह बिहार में 2006 से 2009 के दौरान पथ निर्माण विभाग में प्रधान सचिव रहे और राज्य के सड़क नेटवर्क को देश के बेहतरीन सड़क नेटवर्क में तब्दील करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाय। वर्ष 2009 में केन्द्र सरकार में रक्षा उत्पादन सचिव बने।
सोम प्रकाश
भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और पंजाब के फगवाड़ा से दो बार विधायक रहे सोम प्रकाश पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उद्योग वाणिज्य राज्यमंत्री बनाए गए हैं। सोम प्रकाश पंजाब में होशियारपुर (सुरक्षित) सीट से निर्वाचित हुए। बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद विजय सांपला का टिकट काट कर पंजाब के दोआब क्षेत्र से एक प्रमुख दलित चेहरा प्रकाश को इस सीट से उम्मीदवार बनाया था। प्रकाश ने भाजपा में शामिल होने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी।
हालांकि दो और पूर्व नौकरशाह पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल होने से चूक गए हैं। मोदी ने पूर्व राज्यमंत्री और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह को कैबिनेट में शामिल नहीं किया है। वहीं, ओडिशा की भुवनेश्वर सीट से बीजेपी के टिकट पर जीती अपराजिता सारंगी को कैबिनेट में शामिल नहीं किया है। सारंगी पूर्व आईएएस अफसर हैं और उन्होंने वीआरएस लेकर बीजेपी को ज्वाइन किया था।
इस बीच दूसरा टर्म संभालने के बाद मोदी सरकार ने अपने मंत्रियों की टीम बना ली। अब बारी है अपने साथ काम करने वाले अधिकारियों की टीम को बनाने की। कैबिनेट सेक्रेटरी पीके सिन्हा 15 जून को रिटायर हो रहे हैं। उन्हें पूर्व में दो बार इस पद पर एक्सटेंशन मिल चुका है। सूत्रों के मुताबिक अब राजीव गौबा इस पद पर चुने जा सकते हैं।
वहीं, अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर बने रह सकते हैं। पीएम मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का भी टर्म पूरा होगा। उन्हें दूसरा टर्म मिलेगा या नहीं यह अगले कुछ दिनों में पता चलेगा। इसके अलावा रॉ और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख के पद को भी तुरंत भरना होगा। अगले हफ्ते ब्यूरोक्रेसी में बड़ा फेरदबल भी होने की उम्मीद है जिसमे डेढ़ दर्जन से अधिक सेक्रेटरी बदले जा सकते हैं।