राजेंद्र कुमार
भारत में एक मई को मजदूर दिवस के रूप में जाना जाता रहा है। परन्तु अब इस माह की आठ तारीख को भी देश में याद रखा जायेगा। क्यों? यह हम बाद में बतायेंगें। पहले यह जाने।
अपने देश में हरियाणा राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाके में लोग आपसी बातचीत में गलियां देते हुए बतियातें हैं। इसी हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने आज एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस रैली में जनता से सीधे जुडाव को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि प्रेम का नकाब पहनकर कई नेता मुझे गालियां देते रहते हैं।
अब चुनावी रैली में पीएम के इस कथन को सुन रैली में मौजूद मोदी भक्त सन्न रह गए। इससे पहले कोई भक्त ये सवाल करता कि ..कौन सालो ताने गाली देहे…
पीएम मोदी ने खुद ही बताया कि उन्हें विपक्षी नेताओं ने कौन-कौन सी गाली दी। पीएम मोदी के मुताबिक उन्हें गंदी नाली का कीड़ा, गंगू तेली, पागल कुत्ता, मानसिक तौर पर बीमार, नीच किस्म का आदमी, जवानों के खून का दलाल और मोस्ट स्टुपिड पीएम विपक्षी नेताओं ने कहा।
पीएम ने इन सात गलियों को देने वाले विपक्षी नेताओं के नाम रैली में आये लोगों लोगों को नहीं बताए। मेरा मानना है कि गाली देने वालों के नाम का खुलासा ना करके पीएम ने अपनी उदारता का परिचय दिया। लेकिन पीएम साहब को ये स्पष्ट करना चाहिए था कि ये सभी गलियां विपक्षी नेताओं ने उनके पीएम बनने के बाद उन्हें दी थी या फिर इनमें से कुछ गलियां उस समय दी गई थी जब वह गुजरात के सीएम थे।
ताकि शोधकर्ताओं को ये शोध करने में आसानी होती कि आखिर पीएम को गाली देने वाले विपक्षी नेताओं की सोच क्या थी। कितने समय से वह सिर्फ पीएम को गाली देने का घटिया कार्य कर अपने जीवन का अमूल्य समय नष्ट कर रहे हैं? और ये नेता पीएम को गाली देकर क्या साबित करना चाहते थे? क्या पीए को गाली देने वाले नेता इतनी ही गालियां जानते थे? या उन्हें और भी गालियों की जानकारी थी पर उन्होंने यही गलियां देंना ठीक समझा।
ये शोध इसलिए जरूरी है क्योंकि इन चुनावों में बतौर व्यक्ति, बतौर प्रधानमंत्री, बतौर राष्ट्रीय नेता के नाते पीएम नरेंद्र मोदी ने जैसा जो बोला है वह उनके व्यक्तित्व-कृतित्व में पुण्यता जोड़ने वाला है या नहीं इसकी समीक्षा लोग जरुर करेंगे। तब ये शोध काम आएगा। इसके चलते ही अब 8 मई एक यादगार दिन को गया है।
72 साल के आजाद भारत के इतिहास में किस प्रधानमंत्री ने पहली बार 8 मई को ये खुलासा किया कि उन्हें विपक्षी नेताओं ने क्या-क्या गलियां दी। इसके पहले देश के किसी भी पीएम ने यह खुलासा नहीं किया कि उसे किसी ने गाली दी थी। जबकि पीएम मोदी ने हजारों लोगों की भीड़ के सामने का ये खुलासा किया है। उनका ये कथन इतिहास में दर्ज होगा। ये विलुप्त नहीं हो सकता है।
इसकी वीडियो क्लिप नष्ट नहीं हो सकती, तमाम न्यूज चैनल उसे समय-समय पर दिखायेंगे, और शोधकर्ता जब ये दर्ज करेंगे तो यह भी लिखेंगे कि वर्ष 2019 के चुनावी प्रचार में पीएम मोदी सेना को वोट का कटोरा बना कर वोट मांगने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। और उन्होंने वर्ष 2019 का चुनाव अपने काम, उपलब्धियों पर कम लड़ा, बल्कि विपक्षी नेताओं ने उन्हें क्या गलियां दी जनता को यह बताकर लड़ा. पाकिस्तान और राष्ट्रवाद के नाम पर लड़ा। और 8 मई की तारीख को इतिहास में दर्ज कराने का कारनामा भी चुनावी प्रचार करते करते कर दिया।