जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री मोदी जब भी संसद का सत्र शुरु होता है अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहते हैं। संसद में भाजपा सांसदों की अनुपस्थिति पर पीएम मोदी कई बार चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन उनके सांसदों पर उनकी चेतावनी का कोई असर नहीं हो रहा।
लोकसभा में बुधवार सुबह 11 बजे बीजेपी सांसदों की उपस्थिति कम रही। वहीं सत्तापक्ष के सांसदों से अधिक संख्या में विपक्षी सदन में मौजूद थे।
बुधवार को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर लोकसभा में बीजेपी के केवल 58 सांसद मौजूद थे। वहीं विपक्ष की दो पंक्तियों की सीटें भरी हुई थीं और वहां 90 सांसद बैठे हुए थे। हालांकि थोड़ी देर में स्थिति बदली और भाजपा के 83 सांसद आ गए, वहीं विपक्ष के 81 सांसद ही रह गए।
मालूम हो कि पीएम मोदी ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी देते हुए सांसदों से कहा था कि सुबह 11 बजे से 1 बजे तक सभी को सदन में उपस्थित रहना है। हालांकि सुबह 58 सदस्यों के साथ 9 मंत्री ही थे। मंत्री वही थे जिन्हें सवालों के जवाब देने थे।
मंगलवार को पार्टी सांसदों की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि सांसद अपना रवैया बदल लें वरना बड़ा बदलाव करना पड़ेगा।
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शीत सत्र के दौरान सांसदों के साथ पहली बैठक के दौरान पीएम मोदी ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए चेतावनी दी थी। मीटिंग में मौजूद एक सांसद ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया था कि पीएम मोदी ने सांसदों से नाखुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि सांसदों से बच्चों की तरह बातें करना अच्छा नहीं लगता।
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पीएम मोदी पहले भी कई मौकों पर संसद में उपस्थिति को लेकर सांसदों को चेतावनी दे चुके हैं। बीजेपी सांसद ने कहा, ‘हममे से कई लोगों ने इसे चेतावनी के तौर पर लिया है। अगर संसद में प्रजंट नहीं रहे तो हो सकता है भविष्य में कार्रवाई की जाए।’
पीएम मोदी से पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद में उपस्थिति को लेकर ब्योरा पेश किया था।