जुबिली न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विनिर्माण और निर्यात बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ- साथ अगले पांच साल के दौरान उत्पादन कारोबार में 520 अरब डालर की वृद्धि होने का अनुमान है।
पीएलआई योजना को लेकर बजट प्रावधानों पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुये मोदी ने कहा कि सरकार घरेलू स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये सुधारों को आगे बढ़ा रही है।
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उन्होंने कहा कि 2021- 22 के बजट में पीएलआई योजना के लिये अगले पांच साल के दौरान दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ऐसा अनुमान है कि इस योजना के अमल में आने से अगले पांच साल में उत्पादन में 520 अरब डालर की वृद्धि होगी।
Speaking on steps taken to boost trade and industry in this year’s Budget. https://t.co/btKphbcypc
— Narendra Modi (@narendramodi) March 5, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस योजना का लाभ उठाने वाले उद्योगों में, ऐसा अनुमान है कि मौजूदा कार्यबल का आकार बढकर दोगुना हो जायेगा और आगे भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार देश में लगातार कारोबार सुगमता को बढ़ाने के लिये काम कर रही है और उनका अनुपालन बोझ कम कर रही है। इसके साथ ही माल भाड़ा, परिवहन और दूसरे साजो सामान पर आने वाली लागत को कम करने के लिये भी कदम उठा रही है।
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पीएम मोदी ने कहा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से दूरसंचार, आटो, औषधि, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। पीएलआई योजना का मकसद देश के भीतर विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देना और निर्यात में तेजी लाना है।
प्रधानमंत्री ने उद्योगों से कहा कि वह देश की जरूरतों को पूरा करने के लिये उत्पादन करने के साथ साथ दुनिया के दूसरे देशों के लिये भी माल का उत्पादन करें।
भारत में आज जो विमान वैक्सीन की लाखों डोज लेकर दुनियाभर में जा रहे हैं, वो खाली नहीं आ रहे हैं। वो अपने साथ भारत के प्रति बढ़ा हुआ भरोसा, भारत के प्रति आत्मीयता, स्नेह और आशीर्वाद एक भावात्मक लगाव लेकर आ रहे है।
भारत आज जिस नम्रता और कर्त्तव्यभाव से मानवता की सेवा कर रहा है, इससे पूरी दुनिया में भारत अपने आप में एक बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है। भारत की साख और पहचान निरंतर नई ऊंचाई पर पहुंच रही है।
आपने कल ही देखा है कि भारत के प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को International Year of Millets घोषित किया है। भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में 70 से ज्यादा देश आए थे और फिर U.N. General Assembly में ये प्रस्ताव, सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
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