न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते सऊदी अरब जाएंगे। पीएम मोदी अपनी यात्रा से एक साथ दो निशाना साधेंगे। दरअसल, PM मोदी की यात्रा इस मायने में अहम है कि वह कश्मीर पर संदेश देने के साथ ही निवेश और आर्थिक विकास को गति देने की संभावनाओं को भी तलाशेंगे।
साथ ही पीएम मोदी को सऊदी की इस यात्रा के बाद तुर्की भी जाना था, लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान के जरिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाने और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) बैठक में खुलकर पाकिस्तान का साथ देने के बाद, भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित तुर्की यात्रा को रद्द कर दिया है। इस लिए भी पीएम मोदी की ये यात्रा बेहद खास मानी जा रही है।
आपको बता दें कि पीएम मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान सऊदी अरब के शहर रियाद में आयोजित होने वाले तीसरे फ्यूचर इनवेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII) में शामिल होंगे, जो 29 से 31 अक्टूबर तक आयोजित होगी।
इस सालाना निवेश कार्यक्रम का इस बार का थीम है-‘व्हाट इज नेक्स्ट फॉर ग्लोबल बिजनेस’ यानी वैश्विक कारोबार में आगे क्या होगा।
सऊदी अरब के पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम एक उच्च स्तरीय प्लेटफॉर्म है जिसमें सऊदी अरब के नीति-नियंताओं और वैश्विक कारोबारी प्रतिनिधियों से मिलने का मौका मिलता है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ऐसे महत्वपूर्ण मौके पर सऊदी अरब जा रहे हैं, जब कश्मीर के मसले पर भारत दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश में लगा हुआ है कि वहां सब कुछ ठीक है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब की दूसरी यात्रा होगी। PM मोदी की यात्रा इस मायने में अहम है कि वह कश्मीर पर संदेश देने के साथ ही निवेश और आर्थिक विकास को गति देने की संभावनाओं को भी तलाशेंगे।
पीएम मोदी की यात्रा की तैयारी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल इसी महीने रियाद गए थे। दोनों देश अर्थव्यवस्था, रक्षा, ऊर्जा और आतंकवाद के मसले पर गहरा सहयोग कायम करने की कोशिश में लगे हैं। इसके पहले पीएम मोदी साल 2016 में रियाद गए थे, तब उन्हें सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया था।
गौरतलब है कि पीएम मोदी को सऊदी की इस यात्रा के बाद तुर्की भी जाना था, लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान के जरिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाने और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) बैठक में खुलकर पाकिस्तान का साथ देने के बाद, भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित तुर्की यात्रा को रद्द कर दिया है।
माना जा रहा है कि तुर्की के पाकिस्तान के प्रति रवैये के मद्देनर भारत ने यह कदम उठाया है। तुर्की और भारत के रिश्तों में कभी बहुत करीबी नहीं रही, लेकिन इस यात्रा के रद्द होने से साफ है कि दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी की अंकारा यात्रा पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनी थी और इसमें अन्य मुद्दों के अलावा व्यापार और रक्षा सहयोग पर बात होनी थी।