जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में महाकुंभ के भव्य आयोजन पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने महाकुंभ की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि गंगा को धरती पर लाने के लिए भगीरथ प्रयास हुआ था, वैसा ही महाकुंभ के आयोजन में भी देखा गया। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के बयान खत्म होते ही कांग्रेस नेताओं ने उन पर हमला शुरू कर दिया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं ने आरोप लगाया कि विपक्ष को इस मुद्दे पर बोलने का मौका नहीं दिया गया। राहुल गांधी ने कहा कि यह नया भारत कैसा है, जहां विपक्ष को सदन में बोलने का अवसर नहीं मिलता। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को बेरोजगारी पर बोलना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। राहुल गांधी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री को महाकुंभ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
राहुल गांधी ने संसद परिसर में पत्रकारों से कहा, “कुंभ हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है, लेकिन हमें इस बात की शिकायत है कि प्रधानमंत्री ने उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा जिन्होंने कुंभ के दौरान अपनी जान गंवाई। प्रधानमंत्री को मृतकों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ में जाने वाले युवाओं को रोजगार की जरूरत है, और प्रधानमंत्री को इस पर भी बात करनी चाहिए थी।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के आयोजन पर अपने बयान में कहा था, “महाकुंभ ने भारत के विराट स्वरूप को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। यह सबका प्रयास का वास्तविक रूप है।” उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान महसूस किया गया था कि देश एक हजार साल बाद तैयार हो रहा है, और अब महाकुंभ के आयोजन ने इस विचार को और बल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह देश की सामूहिक चेतना और सामर्थ्य का प्रतीक है।”