Monday - 28 October 2024 - 9:35 AM

PM मोदी देश को देने जा रहे है दुनिया की सबसे लंबी ‘अटल टनल’

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल भारत में बनकर तैयार हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बनी अटल टनल का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अक्तूबर को करेंगे।

PMO की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी 3 अक्तूबर को सुबह 10 बजे अटल टनल का उद्धाटन करेंगे। इस टनल की वजह से लद्दाख सालभर पूरी तरह से जुड़ा रहेगा। साथ ही इसके चलते मनाली से लेह के बीच करीब 46 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।

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टनल को बनने में करीब 10 साल लग गए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी जानकारी दे चुके हैं कि प्रधानमंत्री रोहतांग में लेह-मनाली राजमार्ग पर अटल सुरंग का 3 अक्तूबर को उद्घाटन कर सकते हैं।

10,171 फीट की ऊंचाई पर बनी इस अटल रोहतांग टनल को रोहतांग पास से जोड़कर बनाया गया है, ये दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे लंबी रोड टनल है। 8.8 किलोमीटर लंबी है और 10 मीटर चौड़ी है।

मनाली से लेह जाने में 46 किलोमीटर की दूरी कम हो गई, अब आप यह दूरी सिर्फ 10 मिनट में पूरी कर सकते हैं। यह टनल सिर्फ मनाली को लेह से नहीं जोड़ेगी बल्कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पिति में भी यातायात को आसान कर देगी। यह कुल्लू जिले के मनाली से लाहौ़ल-स्पिति जिले को भी जोड़ेगी।

इस टनल का सबसे ज्यादा फायदा लद्दाख में तैनात भारतीय फौजियों को होगा क्योंकि इसके चलते सर्दियों में भी हथियार और रसद की आपूर्ति आसानी से हो सकेगी, अब सिर्फ जोजिला पास ही नहीं बल्कि इस मार्ग से भी फौजियों तक सामान की सप्लाई हो सकेगी। इस टनल के अंदर कोई भी वाहन अधिकतम 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकेगा।

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यह टनल इस तरीके से बनाई गई है कि इसके अंदर एक बार में 3000 कारें या 1500 ट्रक एकसाथ निकल सकते हैं। इसे बनाने में करीब 4 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है। टनल के अंदर अत्याधुनिक ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड का उपयोग किया गया है। वेंटिलेशन सिस्टम भी ऑस्ट्रेलियाई तकनीक पर आधारित है।

इस टनल का डिजाइन बनाने में DRDO ने भी मदद की है ताकि बर्फ और हिमस्खलन से इस पर कोई असर न पड़े। इस टनल के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे जो स्पीड और हादसों पर नियंत्रण रखने में मदद करेंगे।

टनल के अंदर हर 200 मीटर की दूरी पर एक फायर हाइड्रेंट की व्यवस्था की गई है, ताकि आग लगने की स्थिति में नियंत्रण पाया जा सके।

बता दें कि इसे बनाने की शुरुआत 28 जून 2010 को हुई थी। इसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने बनाया है। यह सुरंग घोड़े के नाल के आकार में बनाई गई है। BRO के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के साथ इस टनल को तैयार किया है।

दरअसल सर्दियों में यहां काम करना बेहद मुश्किल हो जाता था, यहां पर तापमान माइनस 30 डिग्री तक चला जाता था। इस टनल को बनाने के दौरान 8 लाख क्यूबिक मीटर पत्थर और मिट्टी निकाली गई। गर्मियों में यहां पर पांच मीटर प्रति दिन खुदाई होती थी, लेकिन सर्दियों में यह घटकर आधा मीटर हो जाती थी।

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