जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS विक्रांत नौसेना को सौंप दिया. INS Vikrant की खास बात ये है कि यह एक स्वदेशी युद्धपोत है. इसे 2009 में बनाना शुरू किया गया था. अब 13 बाद ये नौसेना मिला है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने नौसेना के नए Ensign (निशान) का भी अनावरण किया. नौसेना का नया Ensign औपनिवेशिक अतीत से दूर और भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से लैस है.
शुक्रवार को INS विक्रांत को नौसेना में शामिल कर लिया गया। समारोह में पहुंचे पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह हर भारतीय का मान स्वाभिमान बढ़ाने वाला अवसर है. पीएम ने कहा, ‘आज केरल के समुद्री तट पर हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. आईएनएस विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है.’
पीएम ने कहा, ‘विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है. विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है. ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है.’ उन्होंने कहा, ‘यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं- तो भारत का उत्तर है विक्रांत. आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत. आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।’
INS विक्रांत ने देश में नया विश्वास पैदा किया
पीएम ने कहा, आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है. आज INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है.
INS Vikrant की खूबियां
INS Vikrant का वजन करीब 45 हजार टन है और इसे कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड में रखा गया है. यहीं इसे निर्मित किया गया है।आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है।पूरी तरह से लोड होने पर ये 43,000 टन का विस्थापन कर सकता है. समुद्र में इसकी अधिकतम गति 28 नॉट्स है और इसका ऑपरेशन रेंज 7500 नॉटिकल माइल्स है।इसकी बीम 62 मीटर और ऊंचाई 59 मीटर है. इसमें 2200 से अधिक डिब्बे हैं जो 1600 कर्मचारियों के लिए तैयार किया गया है. महिला ऑफिसरों और नौसैनिकों के लिए विशेष केबिन भी बनाए गए हैं. ये अत्याधुनिक उपकरणों और प्रणालियों से लैस है. मशीनों के संचालन और शिप नैविगेशन की बजाय इसे हादसों जैसी स्थिति से बचे रहने के लिए ऑटोमैटिक बनाया गया है. ये भारत द्वारा अब तक बनाए गए किसी भी युद्धपोत की तुलना में आकार में 5-7 गुना बड़ा है.
ये भी पढ़ें-आरोपों पर बोले डा.आनन्देश्वर पाण्डेय-कुछ खेल प्रशासकों ने रची मुझे फंसाने की साजिश
ये भी पढ़ें-IND Vs PAK: आखिर क्या वजह थी Jay Shah ने तिरंगा लेने से किया था मना? देखें-Video