जुबिली न्यूज़ डेस्क
नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक चल रही हैं। इस बैठक की अध्यक्षता देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं।हालांकि वो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हैं इस बैठक में शामिल हुए हैं।
इस गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों के साथ केंद्र शासित प्रदेशो के गवर्नर शामिल होते हैं लेकिन इस बैठक में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई हैं।
बैठक में पीएम ने कहा कि, ‘भारत के विकास की नींव ये हैं कि देश में केंद्र और राज्य एक साथ मिलकर काम करते हैं और एक निश्चित दिशा की ओर बढ़ते हैं साथ ही सहकारी संघवाद को और अधिक सार्थक बनाते हैं। यही नहीं, हमें न केवल राज्यों बल्कि जिलों में भी प्रतिस्पर्धी, सहकारी संघवाद लाने की कोशिश करनी चाहिए।‘
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करने की ओर अग्रसर है ऐसे में गवर्निंग काउंसिल की बैठक और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। मैं सभी राज्यों से आग्रह करूंगा कि आजादी के 75 वर्ष के लिए अपने-अपने राज्यों में समाज के सभी लोगों को जोड़कर समितियों का निर्माण करें।
उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को और अधिक सार्थक बनाना होगा। साथ ही हमें प्रयत्न पूर्वक कम्पटेटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को न सिर्फ राज्यों के बीच, बल्कि डिस्ट्रिक्ट लेवल तक ले जाना होगा ताकि विकास की स्पर्धा निरंतर बढती रहे।
पीएम ने कहा कि 2014 से, ग्रामीण और शहरी भारत में 2.4 करोड़ से ज्यादा घर बने हैं। इसके अलावा एक और पहल चल रही है जिसमें देश के छह राज्यों में आधुनिक तकनीक से मकान बन रहे हैं। कुछ ही महीनों में, नए मॉडल के साथ और भी मजबूत घर बनाए जाएंगे।
पीएम बोले कि हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश का प्राइवेट सेक्टर, देश की विकास यात्रा में और ज्यादा उत्साह से आगे आ रहा है। सरकार के नाते हमें इस उत्साह का, प्राइवेट सेक्टर की ऊर्जा का भी सम्मान करना है। साथ ही उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में उतना ही अवसर भी देना है।
एजेंडे में क्या है शामिल
गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक के एजेंडे में कृषि, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, मानव संसाधन विकास, जमीनी स्तर पर सेवा वितरण और स्वास्थ्य और पोषण पर विचार-विमर्श शामिल किया गया है। इस दौरान पिछली बैठक के एजेंडे पर उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की गई।
इस बार हो रही बैठक में पहली बार लद्दाख भी शामिल होगा जिसमें केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर की भागीदारी भी शामिल है। केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुखों को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।