जुबिली न्यूज डेस्क
पीएम केयर फंड में सिर्फ सरकारी कंपनियां, शैक्षणिक संस्थान और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही नहीं बल्कि तीन सशस्त्र बलों- भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना ने भी बड़ा अनुदान दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार तीनों सेनाओं के कर्मियों ने अपनी एक दिन की सैलरी से विवादित पीएम केयर्स फंड में 203.67 करोड़ रुपये अनुदान दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार आरटीआई एक्ट के तहत भारतीय वायुसेना एवं भारतीय नौसैना ने इससे संबंधित जानकारी मुहैया कराई, जबकि भारतीय सेना ने ये जानकारी आरटीआई के तहत देने से मना कर दिया।
हालांकि उन्होंने 15 मई को अपने एक ट्विटर पोस्ट के जरिये इस बारे में जानकारी दी थी।
वायुसेना के मुताबिक अप्रैल से अक्टूबर के बीच उनके कर्मचारियों ने पीएम केयर्स फंड में 29.18 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। वहीं नौसेना ने कहा कि उनके कर्मियों ने अप्रैल से अक्टूबर के बीच 16.77 करोड़ रुपये इस फंड के लिए दिए।
भारतीय सेना ने यह जानकारी आरटीआई के तहत नहीं दी, बल्कि विभाग के एडीजी पीआई (अपर लोक सूचना महानिदेशक) ने 15 मई को ट्वीट कर बताया था कि सेना के कर्मचारियों ने अपनी एक दिन के वेतन से फंड में 157.71 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है।
29 मार्च को रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 से लडऩे के लिए बने पीएम केयर्स फंड में रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों की एक दिन के वेतन को जमा करने की मंजूरी दे दी है।
प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा, ‘ऐसा अनुमान है कि रक्षा मंत्रालय समेत इसके विभिन्न विंग- सेना, नौसेना, वायु सेना, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों एवं अन्य की निधि से लगभग 500 करोड़ रुपये सामूहिक रूप से प्रदान किए जाएंगे। कर्मचारियों का योगदान स्वैच्छिक है और इससे अनिच्छुक लोगों को छूट दी जाएगी।’
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इससे पहले आरटीआई के जरिये ही पता चला था कि सात सार्वजनिक बैंकों एवं आरबीआई समेत अन्य वित्तीय संस्थाओं ने पीएम केयर्स फंड में 204.75 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था।
इसके अलावा अन्य कई केंद्रीय शिक्षण संस्थानों ने अपनी स्टाफ की सैलरी से 21.81 करोड़ रुपये और 100 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) ने अपने कर्मचारियों के वेतन से 155 करोड़ रुपये की राशि दान की थी।
वहीं महारत्न से लेकर नवरत्न तक देश भर के कुल 38 सार्वजनिक उपक्रमों यानी पीएसयू या सरकारी कंपनियों ने पीएम केयर्स फंड में 2,105 करोड़ रुपये से ज्यादा की सीएसआर राशि दान की है।
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कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न हुईं विषम परिस्थितियों से लडऩे के उद्देश्य से जनता एवं कॉरपोरेट से आर्थिक मदद प्राप्त करने के लिए 27 मार्च को पीएम केयर्स फंड का गठन किया गया था, लेकिन ये फंड शुरु से विवादों में घिरा हुआ है।
पीएम केयर्स फंड के विरोध की एक प्रमुख वजह ये है कि सरकार इससे जुड़ी बहुत आधारभूत जानकारियां जैसे इसमें कितनी राशि प्राप्त हुई, इस राशि को कहां-कहां खर्च किया गया, तक भी मुहैया नहीं करा रही है।
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पीएमओ आरटीआई एक्ट के तहत इस फंड से जुड़ी सभी जानकारी देने से लगातार मना करता आ रहा है।
पीएमओ का दावा है कि चूंकि यह पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट है और यह किसी सरकारी आदेश नहीं बल्कि प्रधानमंत्री की अपील पर बनाया गया है, इसलिए इस पर आरटीआई एक्ट लागू नहीं होता है।