जुबिली न्यूज़ डेस्क
हमारी पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था में बच्चे नियमित रूप से घूल-मिट्टी और धूप में खेलते रहे हैं। माना जाता है कि इससे वे स्वस्थ रहते है। लेकिन संयुक्त परिवार कम होने और शहरीकरण के दौर में यह धारणा बदलने लगी। लेकिन अब फिनलैंड के शोधकर्ताओं ने एक नई रिसर्च में कहा है कि मिट्टी में खेलने से बच्चे स्वस्थ व बीमारियों से लड़ने में सक्षम हैं।
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बता दे कि धूल-मिट्टी में खेलने का अर्थ केवल मिट्टी से नहीं होता बल्कि प्रकृति से जुड़ना भी है। इसमें धूल-मिट्टी के साथ धूप, हरियाली, स्वच्छ वातावरण, अधिक ऑक्सीजन और फिजिकल एक्टिविटी भी शामिल है। धूप से न केवल विटामिन डी मिलता, हड्डियां मजबूत होती हैं बल्कि इम्युनिटी बढ़ती और स्ट्रेस घटता है।
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छोटे बच्चों को मिट्टी में खेलने से मना न करें
मिट्टी में खेलने से शारीरिक व मानसिक विकास होता है लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी संक्रमित या प्रदूषित न हो। मिट्टी में कैमिकल और मेटल्स न हों। इससे नुकसान हो सकता है। उनमे संक्रमण होने की आशंका रहती है।
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फिनलैंड-रूस के सीमा से सटे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हेलसिंकी यूनिवर्सिटी के अध्ययन में पाया गया कि वहां के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की न केवल इम्युनिटी अधिक थी बल्कि उनमें एलर्जी की समस्या कम देखने को मिली। उनकी त्वचा भी अधिक हैल्दी है।