जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. पाकिस्तान में इंसान की ज़िन्दगी कितनी सस्ती है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग मनमाने तरीके से जहाज़ उड़ाने का लाइसेंस हासिल कर पायलट बने जा रहे हैं. इस बात की जानकारी मिलने के बाद इमरान खान की सरकार ने सभी पायलटों के लाइसेंस की जांच का आदेश दिया. जांच के साथ ही कार्रवाई भी शुरू हो गई है. सरकार ने आज पचास पायलटों के लाइसेंस निरस्त किये.
इमरान खान की सरकार ने इस बात की जांच के लिए भी कहा है कि आखिर अनुचित साधनों के ज़रिये जहाज़ उड़ाने का लाइसेंस कैसे दिया जा सकता है. नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने इस सम्बन्ध में कोर्ट को भी जानकारी दे दी है.
पायलट के लाइसेंस पर सवालिया निशान तब लगा जब 22 मई को कराची में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का जहाज़ एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जहाज़ उड़ाने वाले पायलट के लाइसेंस पर सवाल उठने लगे.
जब यह बात सामने आयी की फर्जी लाइसेंस के ज़रिये जहाज़ उड़ा रहे पायलट की वजह से 97 लोगों की जान चली गई. इसी के बाद जांच पड़ताल शुरू हुई तो यह बात सामने आयी कि 860 सक्रिय पायलटों में से 260 पायलट के लाइसेंस या तो फर्जी हैं या फिर गलत रास्ता अपनाकर बनाये गए हैं.
पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर ने इस मामले की जानकारी तो दी लेकिन ऐसे पायलटों के नाम सार्वजनिक न करने का फैसला किया गया है ताकि समाज के सामने गलत धारणा न बने.
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पाकिस्तान में जहाज़ उड़ा रहे सभी पायलटों के लाइसेंस को जांच के दायरे में लाया गया है. 259 लाइसेंसों की जांच पूरी हो चुकी है इनमें से पचास लाइसेंस रद्द किये जा चुके हैं.