जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। एक करोड़ सैलरी लेकर यूपी सरकार को ठगने की आरोपी महिला टीचर अनामिका को लेकर हर दिन नये-नये खुलासे देखने को मिल रहे हैं। हालांकि यूपी के गोंडा में अनामिका शुक्ला सामने आ चुकी है और उसने पूरी सच्चाई मीडिया के सामने रखी थी और खुद को निर्दोष बताया था। इसके बावजूद फर्जी टीचर केस में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
अब इस प्रकरण में नया मोड़ फिर आ गया है क्योंकि एक और अनामिका शुक्ला सामने आ गई और दावा कर रही है वहीं असली अनामिका है। हालांकि यह कितना सच इस पर अभी इसको लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है।
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जानकारी के मुताबिक पीलीभीत से भी एक अनामिका शुक्ला सामने आई और उसने दावा किया है कि वहीं असली अनामिका शुक्ला है। इसने साथ यह भी बताया कि वो नौकरी करती है उसके सारे शैक्षिक प्रमाण पत्र सही और चाहे विभागउसकी जांच कर ले। उसने बेबाकी से कहा है कि उसे किसी बात का डर नहीं है। उसने बताया कि कासगंज की सुप्रिया या गोंडा की अनामिका से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
पीलीभीत की अनामिका ने कहा कि उसके सारे दस्तावेज असली है और विभाग के पास जमा भी है। उसने आगे कहा कि मेरा नाम को लेकर ही यह सब है। बाकी न कोई आशंका है न ही कोई फिक्र है। सभी दस्तावेज ठीक हैं और में उन्हें लेकर सोमवार को बीएसए कार्यालय पहुंच जाऊंगी।अनामिका मूल रूप से रायबरेली की रहने वाली है। बता दें कि जब से यह मामला सामने आया तब से अनामिका शुक्ला नाम को लेकर कई तरह के फर्जी मामले सामने आ रहा है।
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इतना ही नहीं अनामिका नाम की शिक्षिकाओं के नाम और उनके दस्तावेजी प्रपत्रों को लेकर शक की सुई घूम गई थी। उधर पीलीभीत की अनामिका के पति बताते हैं कि वे भी रायबरेली पीलीभीत पहुंच रहे हैं और सोमवार को पत्नी के साथ बीएसए से मुलाकात करेंगे। बता दें कि अनामिका की पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत जैसे जिलों के कतूरबा गांधी बालिका विद्यालय पाई गई है।
इन स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है और हर महीने 30 हजार रुपये की सैलरी मिलती है। जिले के हर ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय है। समाज के कमजोर तबके से आने वाली लड़कियों के लिए इन स्कूलों में आवासीय सुविधा भी होती है।