प्रो. अशोक कुमार
फिजियोथेरेपी, जिसे भौतिक चिकित्सा या शारीरिक क्रिया चिकित्सा भी कहा जाता है, स्वास्थ्य सेवा का एक ऐसा क्षेत्र है जो गति, गतिशीलता, शक्ति और कार्यक्षमता को बहाल करने या सुधारने में मदद करता है। यह चोट, बीमारी, विकलांगता या दर्द से पीड़ित लोगों के लिए सहायक होता है।
फिजियोथेरेपी एक रोजगारपरक विषय है। दुनिया की आबादी लगातार बढ़ रही है, और इसके साथ ही बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। इन लोगों को अक्सर फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होती है, जिससे फिजियोथेरेपिस्टों की मांग बढ़ जाती है।
• जीवनशैली से संबंधित मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह जैसी जीवनशैली से संबंधित बीमारियों में वृद्धि हो रही है। इन बीमारियों के लिए अक्सर फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होती है, जिससे फिजियोथेरेपिस्टों की मांग बढ़ जाती है।
• खेल और खेलकूद में चोटें आम हैं, और इन चोटों से उबरने के लिए अक्सर फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होती है।
• लोगों में फिजियोथेरेपी और इसके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है। इससे लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। भारत में और दुनिया भर में फिजियोथेरेपिस्टों की काफी मांग है।
फिजियोथेरेपिस्ट रोगियों का मूल्यांकन करते हैं, उनके लिए एक व्यक्तिगत उपचार योजना बनाते हैं, और विभिन्न प्रकार के उपचार प्रदान करते ! फिजियोथेरेपी एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार है जो लोगों को दर्द से राहत पाने, गतिशीलता में सुधार करने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद कर सकता है।
फिजियोथेरपी कोर्स के लिए प्रवेश आवश्यकताएं और प्रक्रिया:
शैक्षिक योग्यता:
• डिप्लोमा इन फिजियोथेरपी (DPT): 12वीं विज्ञान में न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
• बैचलर ऑफ फिजियोथेरपी (BPT): 12वीं विज्ञान में न्यूनतम 60% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
• मास्टर ऑफ फिजियोथेरपी (MPT): BPT में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
प्रवेश परीक्षा:
• डिप्लोमा इन फिजियोथेरपी (DPT): कुछ संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जबकि कुछ में राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा (NEET) के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।
• बैचलर ऑफ फिजियोथेरपी (BPT): कुछ संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जबकि कुछ में राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा (NEET) या राष्ट्रीय स्तरीय प्रवेश परीक्षा (AIIMS PT) के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।
• मास्टर ऑफ फिजियोथेरपी (MPT): कुछ संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जबकि कुछ में राष्ट्रीय स्तरीय प्रवेश परीक्षा (PGIMER PT) के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।
प्रवेश प्रक्रिया:
आपको संस्थान की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा और आवश्यक जानकारी भरकर जमा करना होगा। यदि आवश्यक हो तो प्रवेश परीक्षा दें। प्रवेश परीक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाएगी। मेरिट सूची में शामिल उम्मीदवारों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा। काउंसलिंग के दौरान आपको अपने सभी शैक्षणिक दस्तावेजों और प्रवेश परीक्षा के अंक पत्र जमा करने होंगे। सफल उम्मीदवारों को निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
• प्रवेश आवश्यकताएं और प्रक्रिया संस्थान के अनुसार भिन्न हो सकती हैं।अधिक जानकारी के लिए, आप संस्थान की वेबसाइट या प्रवेश कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।फिजियोथेरपी में प्रवेश के लिए प्रतियोगिता कड़ी हो सकती है, इसलिए अच्छे अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण करना महत्वपूर्ण है।
फिजियोथेरपी के क्षेत्र में कई स्पेशलाइजेशन हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नीचे दिए गए हैं:
1. कार्डियोपल्मोनरी फिजियोथेरपी:
• यह फेफड़ों और हृदय से संबंधित बीमारियों जैसे अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर (COPD), हृदय गति रोकथाम, और पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल पर ध्यान केंद्रित करता है।
2. ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरपी:
• यह हड्डियों, जोड़ों, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं से संबंधित चोटों और विकारों जैसे गठिया, फ्रैक्चर, स्प्रेन, और मांसपेशियों में खिंचाव का इलाज करता है।
3. न्यूरोलॉजिकल फिजियोथेरपी:
• यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से संबंधित विकारों जैसे स्ट्रोक, मस्तिष्क पक्षाघात, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, और पार्किंसंस रोग के रोगियों का पुनर्वास करता है।
4. बाल चिकित्सा फिजियोथेरपी:
• यह शिशुओं और बच्चों में विकासात्मक देरी, सेरेब्रल पक्षाघात, और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसे विकारों का इलाज करता है।
5. जराचिकित्सा फिजियोथेरपी:
• यह बुजुर्गों में होने वाली समस्याओं जैसे गिरने का खतरा, गतिशीलता में कमी, और पुराने दर्द का इलाज करता है।
6. खेल फिजियोथेरपी:
• यह खिलाड़ियों में होने वाली चोटों का इलाज करता है और उन्हें जल्दी से ठीक होने और अपने खेल में वापस आने में मदद करता है।
7. ऑन्कोलॉजिकल फिजियोथेरपी:
• यह कैंसर रोगियों में होने वाली समस्याओं जैसे थकान, दर्द, और गतिशीलता में कमी का इलाज करता है।
8. वेस्टिबुलर फिजियोथेरपी:
• यह सिर चकराने, संतुलन में गड़बड़ी, और चक्कर आने जैसी समस्याओं का इलाज करता है।
9. पेल्विक फ्लोर फिजियोथेरपी:
• यह मूत्र असंतुलन, मल असंतुलन, और यौन संभोग में दिक्कत जैसी समस्याओं का इलाज करता है।
10. त्वचा फिजियोथेरपी:
• यह जलन, घाव, और त्वचा की अन्य समस्याओं का इलाज करता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह फिजियोथेरपी में उपलब्ध विभिन्न स्पेशलाइजेशनों की एक संक्षिप्त सूची है। अन्य कई स्पेशलाइजेशन भी उपलब्ध हैं !
फिजियोथेरेपी के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
• दर्द और सूजन में कमी,गति और गतिशीलता में सुधार,मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन में वृद्धि,संतुलन और समन्वय में सुधार,कार्यात्मक स्वतंत्रता में वृद्धि,चोट को रोकने में मदद
फिजियोथेरेपी निश्चित रूप से एक रोजगारपरक विषय है। भारत में और दुनिया भर में फिजियोथेरेपिस्टों की उच्च मांग है, और इस क्षेत्र में कई तरह के करियर विकल्प उपलब्ध हैं।
फिजियोथेरेपिस्ट के लिए कुछ करियर विकल्पों में शामिल हैं:
• क्लीनिकल फिजियोथेरेपिस्ट: ये फिजियोथेरेपिस्ट अस्पतालों, क्लीनिकों, पुनर्वास केंद्रों और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में काम करते हैं। वे मरीज़ों का मूल्यांकन करते हैं, उपचार योजना बनाते हैं और उन्हें फिजियोथेरेपी प्रदान करते हैं।
• खेल फिजियोथेरेपिस्ट: ये फिजियोथेरेपिस्ट पेशेवर एथलीटों और खेल उत्साही लोगों के साथ काम करते हैं। वे खेल से संबंधित चोटों को रोकने, उनका इलाज करने और एथलीटों को उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए काम करते हैं।
• ग़ैर -लाभकारी फिजियोथेरेपिस्ट: ये फिजियोथेरेपिस्ट स्कूलों, घरों और सामुदायिक केंद्रों जैसे गैर-लाभकारी सेटिंग्स में काम करते हैं। वे बच्चों, वयस्कों और विकलांग लोगों को फिजियोथेरेपी सेवाएं प्रदान करते हैं।
• शोध फिजियोथेरेपिस्ट: ये फिजियोथेरेपिस्ट फिजियोथेरेपी के नए तरीकों और उपचारों को विकसित करने के लिए अनुसंधान करते हैं। वे अक्सर विश्वविद्यालयों या अनुसंधान संस्थानों में काम करते हैं।
• निजी प्रैक्टिस फिजियोथेरेपिस्ट: ये फिजियोथेरेपिस्ट अपनी खुद की क्लीनिक चलाते हैं। वे मरीज़ों को विभिन्न प्रकार की फिजियोथेरेपी सेवाएं प्रदान करते हैं।
(लेखक पूर्व कुलपति कानपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय , विभागाध्यक्ष राजस्थान विश्वविद्यालय है)