न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। यूपीपीसीएल के पीएफ घोटाले में फंसे पूर्व प्रबंध निदेशक एपी मिश्रा जांच अधिकारियों के सवालों पर कई बार अटके। मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मिश्रा का अन्य दो आरोपियों पीके गुप्ता व सुधांशु द्विवेदी से फिर आमना-सामना कराया।
जांच एजेंसी ने इसके बाद तीनों से अलग- अलग पूछताछ की। बाद में ईओडब्ल्यू के एक डीएसपी के नेतृत्व वाली टीम पीके गुप्ता को अपने साथ आगरा ले गई। वहां उनके आवास की तलाशी ली गई।
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जांच अधिकारियों ने एपी मिश्रा से लगभग चार घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान यह जानने की कोशिश की गई कि पीएफ की राशि का डीएचएफएल में निवेश किए जाने में उनकी क्या और कितनी भूमिका थी।
एपी मिश्रा मिश्रा ने निवेश को लेकर अपनी किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया। इसके बाद ईओडब्ल्यू की एक टीम ने उनके कार्यालय से लगभग एक दर्जन फाइलें अपने कब्जे में ले लीं।
ये फाइलें पूर्व में हुए पीएफ के निवेश के साथ ही पिछले दिनों निवेश को लेकर किए गए फैसलों से संबंधित हैं। मामले की सच्चाई तक पहुंचने के लिए जांच एजेंसी मिश्रा से अभी कई सवाल और करेगी।
टैबलेट, कंप्यूटर व मोबाइल की होगी फोरेंसिक जांच
ओडब्ल्यू सुधांशु द्विवेदी के टैबलेट व एपी मिश्रा के यहां से कब्जे में लिए गए दो कंप्यूटर व मोबाइल फोन की जांच कर रही है। इसके बाद इनको विधि विज्ञान फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है। फोरेंसिक विशेषज्ञ इनमें उन फाइलों को भी तलाश करने की कोशिश में जुटे है जिन्हे मिटाया गया हों।
अधिकारियों को उम्मीद है कि फोरेंसिक जांच में कई बातें सामने आएंगी। निवेश की फाइल पर एपी मिश्रा के हस्ताक्षर की सत्यता प्रमाणित करने के लिए इसे भी फोरेंसिक विशेषज्ञों को भेजने पर विचार हो रहा है।