जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बहुप्रतीक्षित बैठक चल रही है. इस बैठक में मुख्य रूप से पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर विमर्श चल रहा है. जीएसटी काउंसिल के सदस्यों की एक राय बनी तो पेट्रोल और डीज़ल के दामों में बड़ी गिरावट आना तय है. संभव है कि पेट्रोल की कीमत 75 रुपये लीटर हो जाए.
पेट्रोल और डीज़ल के जीएसटी के दायरे में आने से पेट्रोल पर 25 रुपये और डीज़ल पर 28 रुपये की कमी हो जायेगी. आज की इस महत्वपूर्ण बैठक में ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी पर जीएसटी बढ़ाने की राय भी सामने आयी है. पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए एक मुश्किल फैसला है क्योंकि दोनों ही सरकारों को इससे सबसे ज्यादा राजस्व हासिल होता है.
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केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली जीएसटी काउंसिल की यह बैठक जनता के बड़े दबाव की वजह से हो रही है. पेट्रोल और डीज़ल के दामों में हुई बेहिसाब बढ़ोत्तरी की वजह से तमाम चीज़ों के दाम बढ़ाने पड़े हैं. माल भाड़ा महंगा होने की वजह से भी तमाम चीज़ों के दाम बढ़ गए हैं. पेट्रोल और डीज़ल के दामों पर अंकुश लगाने से हर क्षेत्र में महंगाई पर भी अंकुश लगाया जा सकता है. पेट्रोल और डीज़ल के जीएसटी के दायरे में लाये जाने से देश भर में कीमतें एक समान हो जायेंगी.