जुबिली न्यूज़ डेस्क
डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के चलते ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा हो गई है। बुधवार को डीजल के दामों में 48 पैसों की बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद दिल्ली में डीजल के दाम 79.88 रूपये प्रति लीटर पहुंच गये। गनीमत ये है कि 17 वें दिन पेट्रोल की बढ़ोत्तरी के बाद पेट्रोल के दाम बुधवार को नहीं बढ़े।
इसी के साथ ही डीजल के दामों ने देश में इतिहास रच दिया है। पहली बार डीजल पेट्रोल से महंगा हो गया है। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा में डीजल दिल्ली की अपेक्षा काफी सस्ता बिक रहा है। नोएडा में डीजल की कीमत 72.03 रूपये लीटर है। जबकि मुंबई में डीजल 78.22 रुपये लीटर बिक रहा है।
गौरतलब है कि दूसरे देशों में अक्सर डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा होती है। इसके पीछे वजह यह है कि इसकी उत्पादन लागत पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा होता है। लेकिन भारत में सरकारें अभी तक सब्सिडी और टैक्स के द्वारा इसे सस्ता रखने का प्रयास करती रही हैं, क्योंकि यह खेती, ट्रांसपोर्ट, बिजली जैसे बेहद जरूरी कामों में इस्तेमाल होता है।
इंडियन ऑयल के अनुसार, पेट्रोल की बेस प्राइस जहां 22.11 रुपये प्रति लीटर है, वहीं डीजल की बेस प्राइस 22.93 रुपये प्रति लीटर है।
इसलिए बढ़ रहे लगातार दाम
दरअसल सरकारें लगातार यह सोचती हैं कि पेट्रोल और डीजल में कीमत के अंतर को कम किया जाए। इसकी वजह यह है कि दोनों पर लागत लगभग एकसमान होती है और डीजल सस्ता बेचने के लिए सरकार को सब्सिडी देनी पड़ती है। डीजल पर सब्सिडी देने के पीछे सरकार ये सोचती हैं कि इसका इस्तेमाल एग्रीकल्चर, ट्रांसपोर्ट, बिजली जैसे जरूरी सेक्टर में होता है, इसलिए इस पर राहत दी जाए।
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यूपीए सरकार के कार्यकाल में इस सब्सिडी का बोझ काफी ज्यादा हो गया था, इसके बाद से डीजल और पेट्रोल की कीमत में अंतर कम करने की बात होने लगी। इसके बाद मोदी सरकार ने पेट्रोल के मुकाबले डीजल पर ज्यादा टैक्स बढ़ा-बढ़ा कर दोनों की कीमत बराबर कर दी है।
ये पड़ेगा असर
बता दें कि डीजल की कीमत बढ़ने के साथ ही इसका असर चौतरफा दिखाई पड़ेगा है। ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ने के साथ ही महंगाई भी बढ़ेगी। इससे जनता पर दोहरी मार पड़ेगी। एक तरफ ट्रांसपोर्ट के लिए ज्यादा किराया देना पड़ेगा और महंगे सामान खरीदने पड़ेंगे। इसके अलावा ऑटो सेक्टर की बिक्री पर भी इसका गंभीर असर पड़ेगा।