जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. जीएसटी काउंसिल की बहुप्रतीक्षित बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में पेट्रोल-डीज़ल के दामों को लेकर विचार-विमर्श होना था. कहा जा रहा था कि अगर पेट्रोल-डीज़ल जीएसटी के दायरे में आ जाते हैं तो पेट्रोल पर 25 रुपये और डीज़ल पर 28 रुपये कम हो जायेंगे लेकिन बैठक खत्म हो गई और पेट्रोल-डीज़ल का बैठक में चर्चा तक नहीं हुआ. बैठक के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल-डीज़ल के दामों पर विचार करने का अभी सही समय नहीं है.
जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में कई जीवन रक्षक दवाओं को जीएसटी फ्री कर दिया गया. कोरोना से सम्बंधित दवाओं पर जीएसटी की दर 30 सितम्बर तक घटाई गई थी जिसे बढ़ाकर 31 दिसम्बर कर दिया गया. कोरोना की दवाओं में यह कटौती रेमडेसिविर और एम्फोटेरेसिन जैसी दवाओं के लिए की गई है लेकिन इसमें मेडिकल उपकरणों पर लगने वाले टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई है.
निर्मला सीतारमण ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन जीवन रक्षक दवाओं को टैक्स से बाहर रखने का सुझाव दिया था उस सुझाव को मान लिया गया है. कैंसर की दवाओं पर लगने वाले 12 फीसदी टैक्स को घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया है. दिव्यांगों के लिए बनने वाली गाड़ियों पर भी अब सिर्फ पांच फीसदी टैक्स ही लगेगा.
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निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में कोर्ट के सुझाव को हमने सदस्यों के सामने रखा और पूछा कि क्या पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए तो अधिकाँश सदस्यों ने कहा कि नहीं. यही बात हम कोर्ट को बता देंगे.