जुबली न्यूज़ डेस्क
बुंदेलखंड के जनपद महोबा अंतर्गत पत्थर नगरी कबरई की स्थिति सोचने को मजबूर करने वाली है। जहां लोग बेबसी में सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन ना करने को मजबूर हैं। गर्मियों के मौसम में यह नजारा अधिकतर देखने को मिलता है। जब नगर पंचायत का टैंकर कबरई कस्बे के मोहल्ले में जाता है तो लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर टैंकर के ऊपर चढ़ जाते हैं और अपनी अपनी सटकों से पीने के लिए पानी निकालते हैं।
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अब सवाल यह उठता है कि जिस पत्थर मंडी क बरई का गिट्टी पत्थर भारत के कोने कोने में जाकर सड़कों के निर्माण आदि के काम में लाया जाता है। उसी बदनसीब नगर पंचायत कबरई के निवासियों को पानी की समस्या क्यों झेलनी पड़ती है। आखिर कब तक शासन प्रशासन इन मजबूर क़स्बा वासियों का ध्यान देगा।
कोरोना से लड़ेंगे तो पानी से प्यासे मर जायेंगे
मोहल्ले के लोगों ने बातचीत में बताया कि अगर वो कोरोना से लड़ेंगे तो बिना पानी के मर जायेंगे बुंदेलखंड में गर्मियों के आते ही स्थिति भयावह हो जाती है। आज भी दूरस्थ क्षेत्रों में पानी के लिये लोंगो को जद्दोजहद करनी पड़ती है।
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