जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. तालिबान के कब्ज़े के बाद अफगानिस्तान के हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं. लोग पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं. सूखे और युद्ध की विभीषिका ने लोगों को ऐसे दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है कि जिन्दा रहने के लिए लोग अपने बच्चो को बेचने को मजबूर हो रहे हैं. लोगों की मजबूरी का आल, यह है कि लोग अपने आठ-आठ साल के लड़कों को बेचे दे रहे हैं. सिर्फ दस साल की लड़की की शादी के लिए रजामंद हुए जा रहे हैं.
पश्चिमी अफगानिस्तान की एक महिला अज़ीज़ गुल के मुताबिक़ उसके पति ने अपनी दस साल की बच्ची को शादी के लिए बेच दिया ताकि शादी के बदले मिलने वाले पैसों से वह अपने पांच बच्चो का भरण-पोषण कर सके. अज़ीज़ गुल का पति कहता है कि उसने अपने बाकी परिवार को बचाने के लिए अपनी बेटी की कुर्बानी दी है. वह ऐसा नहीं कर सकता तो भूख से पूरा परिवार मर जाता.
अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किया तो विदेशों में अफगानी संपत्तियों पर कब्ज़ा कर लिया गया. अफगानिस्तान में अफगानी फौजों और तालिबान के बीच युद्ध शुरू हो गया. इसी बीच कोरोना महामारी ने रही-सही कसर पूरी कर दी. नतीजा यह हुआ कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई और लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए.
अफगानिस्तान के अधिकाँश नागरिकों की स्थिति कमोवेश एक जैसी है. जो सरकारी कर्मचारी हैं उन्हें भी कई महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है, लिहाज़ा वह भी अब पाई-पाई को मोहताज हैं. अफगानिस्तान में खाद्यान्न संकट इस कदर गहरा गया है कि बच्चे कुपोषित हो गए हैं.
तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में जबरन शादी पर रोक लगा दी है लेकिन इस रोक के कोई मायने नहीं हैं क्योंकि लोग भूख से तड़प रहे हैं और अपना पेट भरने के लिए अपनी दस से पंद्रह साल की बेटियों को शादी के नाम पर बेचे दे रहे हैं. लड़के वाले दुल्हन के बदले में लड़की के घर वालों को इतना पैसा दे देते हैं कि लड़की का परिवार कुछ महीनों तक अपना पेट भर सके.
अफगानिस्तान में एक व्यक्ति ने अपनी बेटी को 20 हज़ार रुपये में बेच डाला क्योंकि उसके पास अपनी पत्नी का इलाज कराने का पैसा नहीं था. इस लड़की की उम्र अभी सिर्फ सात साल है. लड़के वालों ने लड़की के पैसे अदा कर दिए हैं और वह लड़की के बड़े होने का इंतज़ार करेंगे. लड़की अपने माँ-बाप के साथ ही रहेगी लेकिन बड़ी होने पर उसकी शादी उसी घर में करनी होगी जिससे उसने एडवांस में पैसे ले लिए हैं.
यह भी पढ़ें : 19 महीने में छानी 1000 गाँव की ख़ाक और ढूंढ निकाली अपनी बिछड़ी हुई लीला
यह भी पढ़ें : चुनावी रैलियों में कोविड गाइडलाइंस के पालन का मुद्दा नीति आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं
यह भी पढ़ें : होटल में शराब के साथ पकड़े गए युवक-युवती, नये साल का जश्न मनाने आये थे
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : मरते हुए कोरोना ने ओमिक्रान को यह क्यों समझाया कि …