जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. फिलिस्तीन में गाजा पट्टी पर इजराइल के लगातार हवाई हमलों के खिलाफ दुनिया के तमाम देशों में आवाज़ उठने के बावजूद खाड़ी देशों के शासक खामोश बैठे हैं. लगातार बह रहे लोगों के खून से नाराज़ अरब देशों के नागरिकों ने विरोध की आवाज़ उठा दी है. अरब देशों के नागरिक अब इजराइल के खिलाफ और फिलिस्तीन के समर्थन में खड़े हो गए हैं.
अरब देशों के नागरिकों का गुस्सा सड़कों पर प्रदर्शन की शक्ल में फूटने लगा है. कुवैत में इजराइल के खिलाफ रैलियां शुरू हो गई हैं. क़तर की सड़कों पर हज़ारों लोगों ने इजराइल के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया. अखबारों में इजराइल की आलोचना करने वाली खबरें हैं और सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर इजराइल के खिलाफ गुस्सा उफान पर है.
अरब देशों में इजराइल के खिलाफ जो माहौल बनने लगा है उससे इजराइल के उन प्रयासों का गहरा धक्का लगने वाला है जिसमें इजराइल ने यूएई और अन्य खाड़ी देशों के साथ कई महत्वपूर्ण समझौते किये हैं.
जानकारी के अनुसार यूएई ने दोनों पक्षों से तुरंत हिंसा रोकने को कहा है. उधर नागरिकों ने सरकार के सामने यह मांग तेज़ कर दी है कि इजराइल के राजदूत को तुरंत बर्खास्त कर दिया जाए.
फिलिस्तीन के साथ जंग की कीमत में अगर इजराइल के सऊदी अरब के साथ रिश्ते बिगड़ते हैं तो यह उसके लिए एक बड़ा झटका होगा. इजराइल काफी कोशिशों के बाद सऊदी अरब के साथ अपने रिश्ते मज़बूत करने में कामयाब हो पाया था.
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इजराइल ने गाजा पट्टी के रिहायशी इलाकों पर भारी बमबारी और राकेटों की बरसात के ज़रिये कई बहुमंजिली इमारतों को ढहा दिया और तमाम लोगों की जान ले ली. बड़ी संख्या में औरतें और बच्चे ज़ख़्मी हुए हैं जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इजराइल के लगातार हमलों के बीच अब हमास ने भी इजराइल के रिहायशी इलाकों पर तेज़ हमला बोल दिया है. इजराइल आयरन डोम के ज़रिये इस हमले से निबटने की कोशिश कर रहा है लेकिन उसका भी बड़े पैमाने पर नुक्सान हो रहा है. इजराइल ने हमास से तत्काल हमला रोकने को कहा है.