न्यूज डेस्क
पाकिस्तान में एक हिंदू छात्रा नमृता की मौत के बाद उसे इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़क पर उतर आए हैं। लोगों में आक्रोश है। सोशल मीडिया पर भी लोग नमृता के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर नमृता ट्रेंड कर रही है।
नमृता की हत्या हुई या उसने आत्महत्या की, इस पर से तो पुलिस पर्दा उठायेगी, लेकिन लोग यह मानने को तैयार नहीं है कि नमृता ने आत्महत्या की है। इसलिए लोग नमृता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
नमृता की जिस हालात में मौत हुई, उसे लेकर सोशल मीडिया पर तमाम पाकिस्तानी उसे हत्या बता रहे हैं और निष्पक्ष जांच और कार्रवाई के जरिए लड़की के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
ट्विटर पर इस पूरे मामले को जबरन धर्मांतरण और अल्पसंख्यक उत्पीड़न की घटनाओं से भी जोड़ा जा रहा है। वहीं कुछ भारतीय यूजर्स ने मलाला की चुप्पी पर सवाल उठाया है। मालूम हो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर आवाज उठाने पर मलाला को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था।
गौरतलब है कि लरकाना में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की फाइनल ईयर की छात्रा नमृता चांदनी अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई थी। छात्रा की गर्दन में रस्सी कसी हुई थी। नमृता के परिजन इसे हत्या मान रहे हैं लेकिन कॉलेज प्रशासन इसे आत्महत्या बता रहा है।
मंगलवार को यहां के लोगों ने इस हत्याकांड के जांच और न्याय दिए जाने की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए। इन लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया। लोगों के हाथों में जो तख्तियां थी, उस पर लिखा था-‘नमृता को इंसाफ दो’, बर्दाश्त नहीं करेंगे गुंडागर्दी…।
परिजनों ने लगाया है हत्या का आरोप
नमृता के परिजनों का आरोप है कि जिन हालात में शव मिला और उस पर जिस तरह के निशान मिले, उससे जाहिर होता है कि उसकी बेरहमी से हत्या की गई है। परिजनों ने पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए हैं।
नमृता का भाई डॉ. विशाल ने, जो खुद कराची के एक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं, अपनी बहन की मौत को नृशंस हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘उसकी शव पर कई जगहों पर चोट के निशान हैं। ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने उसे पकड़ रखा था। हम अल्पसंख्यक हैं और प्लीज हमारी मदद के लिए खड़े हों।’
वहीं नमृता के चाचा ने उसके शव को चंदका मेडिकल कॉलेज ले जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पूछा कि शव का पोस्टमॉर्टम करने के बजाय CMC के आईसीयू में क्यों रखा गया।
अब तक दर्ज नहीं हुआ एफआईआर
इस पूरे मामले पर पुलिस ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। इस मामले की अब तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। इस बीच पीपीपी लीडर निसार खुसरो ने बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम हो चुका है और उसकी रिपोर्ट से पता चलेगा कि मामला आत्महत्या का है या फिर मर्डर का। उन्होंने कहा कि पुलिस हर ऐंगल से जांच कर रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी सिंध प्रांत से कई हिंदू लड़कियों को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कराने की खबरें आ चुकी हैं। इस महीने की शुरुआत में एक सिख लड़की का अपहरण कर लिया गया और उसे एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने के लिए मजबूर किया गया।
हालांकि, जब यह मामला सुर्खियों में आया तो पीडि़ता को उसके माता-पिता के पास वापस भेज दिया गया। इसी तरह, एक 15 वर्षीय ईसाई छात्र को जबरन इस्लाम में धर्मांतरण कराया गया था। यही नहीं बीबीए की एक हिंदू छात्रा को भी एक पीटीआई कार्यकर्ता के घर ले जाकर एक मुस्लिम से शादी करने के लिए मजबूर किया गया।
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