जुबिली स्पेशल डेस्क
शिवाजी महाराज को पुराने जमाने का आइकॉन बताने वाले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर चर्चा में आ गए है। दरअसल उन्होंने एक लेटर लिखा है जो एकाएक सुर्खियों में आ गया है।
उनके इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र में शनिवार को महा विकास आघाड़ी ने जोरदार प्रदर्शन किया। इसमें शिवसेना उद्धव गुट, कांग्रेस और एनसीपी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
दूसरी तरफ एनसीपी चीफ शरद पवार केंद्र सरकार को महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को हटाने के लिए चेतावनी दी है। गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के छत्रपति शिवाजी महाराज पर कथित विवादित बयान पर विपक्षी दल आपत्ति जता रहे हैं।
भगत सिंह कोश्यारी ने क्या कहा था?
हाल में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लेकर विवाद तब पैदा हो गया था जब उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में अपनी टिप्पणी की थी।
उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘पुराने समय का प्रतीक’ करार दिया था। उनकी इसी बात को लेकर अब विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
इतना ही नहीं विपक्षी दलों को उनकी ये बात पसंद नहीं आई थी और इस वजह से उनकी चारों तरफ कड़ी आलोचना हो रही है। इसके आलावा मराठा राजा के वंशजों में से एक उदयनराजे भोंसले ने केंद्र से कोश्यारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी के बारे में
बता दें कि भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 17 जून 1942 को उत्तराखण्ड के कुमांऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले के एक गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अल्मोड़ा में पूरी की और उसके पश्चात उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में आचार्य की उपाधि प्राप्त की।
कोश्यारी का राजनैतिक जीवन का प्रारम्भ शिक्षणकाल के दौरान ही प्रारम्भ हो गया था। शिक्षणकाल में ही अपने जीवन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिये समर्पित कर चुके हैं।