जुबिली स्पेशल डेस्क
महाराष्ट्र में सियासी तूफान थमने का नाम ले रहा है। पहले शिवसेना के दो भाग हुए और अब एनसीपी के दो भाग हो चुके हैं। चाचा पवार और भतीजे अजित के बीच रार अब इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि दोनों के रास्ते अब अलग-अलग हो गए है। भतीजे अजित सत्ता का सूख चाहते हैं इसलिए उन्होंने शरद पवार से ही बगावत कर डाली और शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल कर ली है।
अब सवाल है कि एनसीपी का क्या होगा। सवाल ये भी है एनसीपी अब किसकी है। शरद पवार की या फिर अजित पवार की। दोनों ही अपने हिसाब से पार्टी पर अपना दावा पेश कर रहे हैं। मामला कोर्ट तक जा सकता है लेकिन दोनों तरफ से एनसीपी पर दावा किया जा रहा है।
एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार गुट और अजित पवार गुट दोनों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए आज बैठक बुलाई है। उधर अजित पवार की बैठक में 5 विधायक के पहुंचने की बात सामने आ रही है। इनमें राजेंद्र पाटिल , माणिकराव कोकाटे ,छगन भुजबल ,बाबा आत्राम , अदिति तटकरे शामिल है।
इस बीच शरद पवार के घर सिल्वर ओक पर उनके समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है कि 83 साल का योद्धा अकेला निकला है।
वही सब के बीच शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा, जिस तरह से अजित पवार को लाया गया है इसकी ज़रूरत नहीं थी। पूरा बहुमत उनके पास था, 170 तक उनका आंकड़ा हो गया था फिर भी अजित पवार जैसे वरिष्ठ नेता और कुछ विधायक को उनके सामने लाकर शिंदे गुट के सामने चुनौती दी है. शिंदे गुट का पावर खत्म कर दिया है। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री बदल सकता है।