- एमाले ने सुभाष न्योमांग को बनाया अपना उम्मीदवार
प्रचंड और ओली के बीच मतभेद के अटकलों के साथ प्रचंड के ही नेतृत्व में ने गठबंधन की भी चर्चा
यशोदा श्रीवास्तव
काठमांडू। नेपाल में तीसरे राष्ट्रपति के चुनाव के लिए शनिवार को दो नामांकन दाखिल हुए। मतदान नौ मार्च को होगा।
इसके पहले राष्ट्रपति पद के लिए प्रचंड और केपी शर्मा ओली के बीच आम सहमति को लेकर कई बार वार्ता हुई जो अंततः असफल रही।
प्रचंड राष्ट्र पति पद पर नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल के लिए आम सहमति के पक्षधर थे जबकि केपी शर्मा ओली अपनी पार्टी के सुभाष न्योमांग के पक्ष में थे।
प्रचंड नेपाल के मौजूदा प्रतिनिधि सभा और सभी सात विधानसभाओं में नेपाली कांग्रेस के ताकत से वाकिफ हैं इसलिए वे इस चुनाव को लेकर कोई टकराव नहीं चाहते। फिर उनके प्रधानमंत्री चयन में नेपाली कांग्रेस के भारी समर्थन का एहसास भी उन्हें था।
शनिवार को आठ दलों के समर्थन से नेपाली कांग्रेस के राम चंद्र पौडेल और एमाले के सुभाष न्योमांग ने राष्ट्रपति पद के लिए पर्चा दाखिल कर दिया।
राष्ट्र पति चुनाव को लेकर प्रचंड और ओली के बीच आम सहमति न बन पाने को आने वाले दिनों में बहुत ही अल्प समय में नए गठबंधन की दृष्टि से भी देखा जा रहा है। राष्ट्र पति चुनाव के अंकगणित पर गौर करें तो यह साफ तौर पर नेपाली कांग्रेस के पौडेल के पक्ष में नजर आ रहा है।
सब कुछ ठीक ठाक रहा तो राम चंद्र पौडेल नेपाल के तीसरे राष्ट्रपति होंगे। इसके पहले इस पद पर डा.रामबर यादव पहले राष्ट्रपति थे और विद्या देवी भंडारी दूसरी राष्ट्र पति थीं।
रामचन्द्र पौडेल के समर्थक क्रमशः पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा,माधव कुमार नेपाल, नारायण काजी श्रेष्ठ, अशोक कुमार राई, अब्दुल खान,महंत ठाकुर,पूर्ण बहादुर खड़का, रंजीता श्रेष्ठ, चित्र बहादुर केसी,हित राज पांडेय हैं वहीं एमाले उम्मीदवार सुभाष न्योमांग के समर्थक पूर्व पीएम ओली, पृथ्वी सुब्बाराव, गोकर्ण राज बिष्ट, रघुबीर महां सेठ, छवि लाल विश्वकर्मा, योगेश कुमार भट्टाराई,टोप बहादुर रायमाझी,जूली महासेठ,दिल कुमारी रावल और अमन कुमार पाण्डेय के नाम शामिल हैं। राष्ट्र पति चुनाव में दस समर्थक का होना अनिवार्य है।
इधर मधेश के कुछ नेता मधेशी क्षेत्र के वरिष्ठ नेता महंत ठाकुर के नाम को आगे कर रहे थे लेकिन माना जा रहा है कि वे संख्या बल को देखते हुए स्वयं ही अपनी उम्मीदवार खारिज कर नेपाली कांग्रेस उम्मीदवार राम चंद्र पौडेल के न केवल समर्थन में आ गए,प्रस्तावक भी बन गए।
इस चुनाव को लेकर अभी फिलहाल रामचंद्र पौडेल की स्थिति बेहद मजबूत है लेकिन यदि नेपाल के पहले राष्ट्रपति के चुनाव को देखें तो सत्ता रूढ़ दल यानी प्रचंड सरकार के उम्मीदवार राम राजा प्रसाद सिंह को नेपाली कांग्रेस के डा.रामबरन यादव से आश्चर्यजनक ढंग से हार जाना पड़ा था जबकि जीत की सारी गणित राम राजा प्रसाद सिंह के पक्ष में थी।