जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल जीतन राम मांझी अक्सर विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में आ जाती है।
कभी अपनी सरकार पर सवाल उठाते हैं तो कभी किसी पर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आ जाते हैं। अब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें जीतन राम मांझी ने अपने भाषण के दौरान पंडितों के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था।
मामला आगे बढ़ता देख बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने माफ़ी’मांगने में देर नहीं की लेकिन माफ़ी मांगने के दौरान फिर विवादों में पड़ गए है। उन्होंने ब्राह्मण वाले बयान पर माफी मांगते हुए कहा वो ब्राह्मणों के लिए नहीं किया था, बल्कि अपने समाज के लोग यानी कि दलितों के लिए था।
जीतन राम मांझी ने अपनी सफाई में कहा, ‘मैंने ब्राह्मणों के लिए कोई अपशब्द नहीं कहा है. ब्राह्मणों की आस्था को ठेस पहुंची है तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं लेकिन हमने अपने समाज के लिए कहा है कि जो हमारा समाज है वह गलत है। हमारा समाज मां शबरी और तुलसी जैसे देवी देवताओं की पूजा नहीं कर रहे हैं… पहले करते थे.. लेकिन यह #@&* लोग अब सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं… इन्हें शर्म नहीं आती है.. #$%* शब्द हमने अपने समाज के लिए कहा है।’
‘मांझी के बयान पर किसने क्या कहा
जीतन राम मांझी राज्य के वरिष्ठ नेता हैं. उन्हें जाति या समुदाय केंद्रित बयान देने से बचना चाहिए’ : सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन
‘मांझी जिस तरह से विभिन्न विषयों पर बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर हैं. उनको रांची जाकर मानसिक आरोग्यशाला में अपना इलाज करवाना चाहिए. मांझी पहले भी ये बयान दे चुके हैं कि लोगों को लिमिट में शराब पीनी चाहिए’ ‘उनका बयान इंगित करता है कि वह खुद शराब पीते थे और शराब के नशे में इस तरह के बयान दे रहे हैं’ : RJD विधायक राहुल तिवारी
क्या है पूरा मामला
पटना में भुइयां मुसहर सम्मेलन में शनिवार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी पहुंचे थे और वहां पर भाषण दे रहे थे। मांझी ने कहा, आज कल हमारे गरीब तबके में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है. सत्य नारायण पूजा का नाम हम नहीं जानते थे लेकिन ‘साला’ अब हम लोगों के हर टोला में उनकी पूजा हो रही है. पंडित ‘हरामी’ आते हैं और कहते हैं कि हम खाएंगे नहीं, हमको नगद ही दे दीजिए”