न्यूज डेस्क
बिहार के विभिन्न जिलों में भीषण गर्मी, लू और चमकी बुखार यानि एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। हर रोज मुजफ्फरपुर, वैशाली, पूर्वी चम्पारण और भागलपुर जैसे जिलों में चमकी बुखार के कारण बच्चे काल के गाल में समा रहे हैं। वहीं, गया और आसपास के कई क्षेत्रों में गर्मी के वजह से अभी तक 227 लोगों की मौत हो चुकी है और अस्पतालों में तीन सौ भी ज्यादा मरीज अभी भी भर्ती हैं।
बिहार कई क्षेत्रों में गर्मी और चमकी बुखार की दहशत का माहौल साफ देखा जा सकता है। प्रकृति के सामने सरकार भी बेबस दिखाई पड़ रही है। फिलहार राज्य में गर्मी से बचने के लिए नीतीश सरकार कई जिलों में धारा 144 लगा दी है।
बिहार में ये खौफ इतना फैल गया है कि लोग अपना गांव और घर-बार छोड़कर जा रहे हैं। छोटे बच्चों के मां-बाप के मन में खौफ है कि कहीं उनके मासूम भी इस बीमारी का शिकार न हो जाएं। मुजफ्फरपुर के अलावा वैशाली के भी कई गांवों से लोग पलायन कर रहे हैं।
बैशाली जिले के भगवानपुर ब्लॉक के हरवंशपुर गांव में चमकी बुखार की वजह से 6 बच्चों की मौत हो गई है. गांव में 6 बच्चे इससे दम तोड़ चुके हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई अभी तक सुध लेने यहां नहीं पहुंचा है। इसी गांव के चतुरी सहनी के दो बेटों को ये बीमारी हुई, पहले बड़ा बेटा बीमार हुआ और फिर छोटा, बाद में दोनों ने ही दम तोड़ दिया।
वहीं, केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार को अभी तक ये नहीं पता चल पाया है कि बच्चे किस बिमारी से मर रहे हैं। फिलहाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मुजफ्फरपुर में बच्चों में फैली अज्ञात बीमारी की बुधवार को समीक्षा बैठक की। इसके बाद उन्होंने विषेशज्ञों की पांच केंद्रीय टीम भेजने का निर्देश दिया है। गुरुवार को पहुंचने वाली इस टीम में 10 विशेषज्ञों के साथ पारा मेडिकल स्टाफ भी शामिल रहेंगे।
पूरे मामले में सरकार खामोश है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में व्यस्त हैं, तो डिप्टी सीएम सुशील मोदी पटना में। हर कोई सवाल पूछ रहा है कि बच्चों की सांसें छिनने का सिलसिला कब खत्म होगा? फिलहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
वहीं बिहार और देश की जनता को पीएम मोदी का ट्वीट का इंतेजार हैं कि शायद वे इन बच्चों की मौत पर कुछ बोले, लेकिन वे तो सांसदों की अगवानी में बिजी है। गौरतलब है कि संसद सत्र के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने आज दोनों सदनों के सांसदों को बैठक के साथ रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया है। यह भोज अशोका होटल में होगा।
वहीं, दूसरी ओर बिहार में चमकी बुखार ने अब तक 144 से अधिक बच्चों की जान ले ली है। सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही 117 बच्चों की मौत हो गई। 12 मौतें मोतिहारी और 6 मौतें बेगूसराय में हुई हैं। भागलपुर के मायागंज अस्पताल में बीते 24 घंटे में इस बीमारी से तीन बच्चों की मौत हो गई। एक बच्चे का इलाज नवगछिया के एक अस्पताल में चल रहा है। बेगूसराय सदर अस्पताल में भी इससे पीड़ित पांच बच्चे भर्ती हुए हैं। बेतिया में भी पांच संदिग्ध मरीज जीएमसीएच में भर्ती कराए गए।
ऐसे में बीच बिहार की जनता को अब इंद्र देव का ही सहारा बचा है। जानकारों की माने तो बारिश होने के बाद ही बिहार की जनता को राहत मिल सकती है। उनका कहना है कि बीमारी की मुख्य वजह मौसम है। 38 डिग्री से ऊपर तापमान और आर्द्रता 60-65 होती है तो इस बीमारी के मामले सामने आने लगते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जैसे ही बारिश होगी और तापमान में गिरावट होगी तो इस बीमारी के मामले थम जाएंगे।
आपदा प्रबंधन विभाग के नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में लू लगने से अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से औरंगाबाद जिले में 41, गया में 35 और नवादा में 14 लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग के पटना कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी पटना में अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस रहा.
पटना में बुधवार को अधिकतम तापमान 2009 के बाद के पिछले 10 वर्षों के रिकॉर्ड को पार कर गया था। बिहार के अन्य जिलों गया, भागलपुर और पूर्णिया में सोमवार को अधिकतम तापमान 42.0 डिग्री सेल्सियस, 40.0 डिग्री सेल्सियस और 37.4 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में पटना में लू जारी रहने, गया, भागलपुर और पूर्णिया जिले में सामान्य तौर पर बादल छाए रहने की संभावना जतायी है।