न्यूज़ डेस्क
मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि परभणि जिले में स्थित पाथरी को सरकार तीर्थक्षेत्र के रूप में विकसित करेगी। राज्य सरकार का साईंबाबा के जन्मस्थान के विवाद में पड़ने का कोई इरादा नहीं है।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय के बाद पूर्व मंत्री व भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने शिरडी बंद वापस लेने की घोषणा की है। राधाकृष्ण विखे पाटील ने मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत भी किया है।
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राज्य सरकार ने परभणि जिले में स्थित पाथरी के विकास के लिए 110 करोड़ रुपये का फंड पास किया था। इसके बाद अहमदनगर जिले के शिरडी के आस पास के 26 गांवों ने इस फंड का जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया था।
भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि राज्य सरकार गलत जानकारी के आधार पर पाथरी में साईं बाबा के नाम पर फंड दे रही है। जबकि साईंबाबा का जन्म कहां हुआ, उनके परिवार में कौन-कौन थे, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इस वजह से शनिवार रात से ही शिरडी बंद आंदोलन शुरू किया गया था।
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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, पूर्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील सहित पाथरी व शिरडी के लोगों की बैठक सोमवार को सहयाद्रि गेस्ट हाउस में हुई। बैठक में राधाकृष्ण विखे पाटील ने शिरडी बंद को लेकर होने वाली परेशानी मुख्यमंत्री को बताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परभणि जिले में स्थित पाथरी में जो फंड सरकार ने दिया है वह साईं जन्मस्थान को विकसित करने के नाम पर नहीं है। इसलिए इसमें विवाद की गुंजाइश ही नहीं है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह फंड पाथरी में तीर्थस्थान विकसित करने के लिए है। मुख्यमंत्री ने तत्काल शिरडी बंद का आंदोलन वापस करने की अपील गांव वालों व पूर्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील से की है, जिसे मान लिया गया है।
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