जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को लेकर बड़ी खबरआ रही है। दरअसल उनको जल्द भारत लाया जा सकता है। दरअसल उनके भारत लाया जाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है।
ऐसे में भारत की बड़ी जीत माना जा रहा है। मीडिया रिपोट्र्स की माने तो उनको अगस्त 2024 में अमेरिकी कोर्ट ने भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत भेजने का आदेश दिया था। बता दें कि वहां की निचली अदालत ने भी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर अपनी हामी भरी दी थी।
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी हैं, जिनका नाम 26/11 मुंबई आतंकी हमलों से जुड़ा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने बचपन के मित्र डेविड हेडली की सहायता की, जो लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था और मुंबई हमलों की साजिश में शामिल था। राणा ने हेडली को अपनी कंपनी की आड़ में भारत की यात्रा करने में मदद की, जिससे हेडली ने हमलों के लक्ष्यों की रेकी की।
2009 में, अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने राणा को शिकागो से गिरफ्तार किया। उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध होने के आरोप लगे। हाल ही में, अमेरिकी अदालत ने राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए मंजूरी दी है, जिसे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है।राणा ने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है, लेकिन निचली अदालतों ने उनकी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे 26/11 हमलों से संबंधित और भी जानकारी प्राप्त हो सकती है, जो पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने में मददगार होगी।
26/11 के गुनहगार पर शिकंजा
- मुंबई हमले का मास्टरमाइंड राणा
- शिकागो में मुंबई हमले की साजिश
- पाकिस्तान में जन्म, कनाडा में बसा
- डेविड कोलमैन हेडली का दाहिना हाथ
- मुंबई में ब्रांच खोलकर रची साजिश