रूबी सरकार
पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट, हरिद्वार को अपर संचालक (आईडीएसपी) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्यप्रदेश की ओर से कोविड- 19 मरीजों पर रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने वाली आयुर्वेदिक औषधियों के अनुसंधान करने की अनुमति दिए जाने पर स्वास्थ्य अधिकार मंच ने नाराजगी व्यक्त की है।
स्वास्थ्य अधिकार मंच के अमूल्यनिधि ने बताया, कि इसके लिए अपर संचालक (आईडीएसपी) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्यप्रदेश द्वारा पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को इंदौर जिले में एक कोविड केयर सेंटर आवंटित करने के लिए आदेशित किया गया हैं।
जन स्वास्थ्य अभियान मध्यप्रदेश के एसआर आजाद ने कहा, कि कोविड- 19 के मानक प्रबंधन के लिए कोविड-19 स्टेट टेक्नीकल एडवाइजरी कमिटी ने आयुर्वेदिक तथा एलोपेथी औषधियों के परस्पर प्रभाव एवं दुष्प्रभाव के बारे में कोई तथ्य उपलब्ध नहीं होने के कारण अस्पतालों में भर्ती कोविड- 19 रोगियों में आयुर्वेदिक औषधियों का परिक्षण न करने की अनुशंषा की है।
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आजाद ने कहा, कि इसमें महत्वपूर्ण तथ्य यह है, कि मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश शासन की ओर से किसी प्रकार की नवीन ड्रग ट्रायल शासकीय महाविद्यालय में प्रतिबंधित किये गए है। राज्य सरकार के इस आदेश का पालन करना सभी के लिए बाध्यकारी है। साथ ही भारत में किसी भी दवा परीक्षण के लिए कानून बनाया गया है और इसके अनुसार ट्रायल की अनुमति डायरेक्टर जनरल ऑफ इंडिया और एथिकल समिति की मंजूरी के साथ कई प्रक्रियाओं के पालन के बाद दी जाती है।
पूर्व में भी कोविड -19 मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं के परीक्षण की अनुमति जिला कलेक्टर, इंदौर द्वारा पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट, हरिद्वार को दे दी गई थी, जो शिकायत के बाद वापस ले ली गई थी। इस मामले की शिकायत भी दिनांक 23 मई 2020 को की गई थी। इसके बावजूद एक बार फिर से पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट हरिद्वार को आयुर्वेदिक दवाओं के परीक्षण की अनुमति देने का प्रयास किया जा रहा है।
वर्तमान में कोविड -19 एक गंभीर एवं संवेदनशील मुद्दा हैं और इसके लिए किसी भी प्रकार की दवाओं के परिक्षण एवं अनुसंधान की अनुमति डायरेक्टर जनरल, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की अनुमति के बिना किया जाना सही नहीं है।
जन स्वास्थ्य अभियान, राजस्थान नागरिक मंच, स्वास्थ्य अधिकार मंच ने ड्रग कंट्रोलर जनरल एवं सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए इस मामले की तत्काल जांच किए जाने का आग्रह किया है। साथ ही राज्य सरकार के आदेश का पालन सुनिश्चित कर जिला स्तर पर कोई भी अधिकारी इस सम्बन्ध में किसी प्रकार के आदेश देने का अनुरोध किया है।
मध्यप्रदेश में जहां भी ऐसे ट्रायल चल रहे हैं उनकी जांच करने तथा डायरेक्टर जनरल, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया एवं ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के प्रावधानों का पालन किये बिना किसी भी प्रकार की दवा परीक्षण की अनुमति न देने को कहा है। जन स्वास्थ्य अभियान ने इस मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्यवाही करने को भी स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा है।
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