न्यूज डेस्क
आर्थिक विकास दर घटकर महज 5 फीसदी रह गई है। यह साढ़े छह वर्षों का सबसे निचला स्तर है। देश के अर्थशास्त्री मंदी को लेकर लगातार आगाह कर रहे हैं। ऑटो सेक्टर की हालत खराब है। बीते महीने यानी अगस्त के आंकड़े बताते हैं कि यात्री वाहनों की बिक्री पिछले 20 सालों के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई है। नये आकड़ों के मुताबिक कारों की घरेलू बिक्री अगस्त में 41.09 फीसदी गिर गई।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) ने सोमवार को अगस्त की बिक्री के ताजा आंकड़े जारी किए है, जिसमें कारों की घरेलू बिक्री अगस्त में 41.09 फीसदी गिरकर गत महीने भारतीय बाजार में 1,15,957 कारें बिकीं, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 1,96,847 था।
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दोपहिया वाहनों की बात करें तो इसकी बिक्री में 22.24 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में भी गिरावट आयी है।
Society of Indian Automobile Manufacturers (SIAM) released the August sales data. August 2019 Passenger car sales down by 41.1% at 1.15 lakh units against August 2018, 2-wheeler sales down 22.2% at 15.1 lakh units against August 2018.
— ANI (@ANI) September 9, 2019
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यदि सभी श्रेणियों के वाहनों की बिक्री की बात करें तो इसमें भी भारी गिरावट आई है। इसकी बिक्री 23.55 प्रतिशत घटकर 18 लाख 21 हजार 490 यूनिट रह गई, जबकि पिछले साल अगस्त में 23 लाख 82 हजार 436 वाहन बिके थे।
मालूम हो कि छह वर्षों में यह तिमाही ऐसी बीती जब जीडीपी वृद्धि दर सबसे निचले स्तर पर रही और मैन्युफैक्चरिंग में सबसे न्यूनतम 0.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 1997-1998 के बाद पहली बार इतनी गिरावट देखने को मिली है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था को संभालने की पुरजोर प्रयास किया जा रहा है, लेकिन, वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट की वजह से बाजार रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
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