पॉलीटिकल डेस्क
राजनीतिक में अब आम आदमी की जगह नहीं है। राजनीतिक दल रसूखदार, करोड़पतियों को ही टिकट दे रहे है। पार्टी भले ही गरीब हो लेकिन उम्मीदवार करोड़पति ही हैं। आम आदमी और गरीबों का उद्धार करने के लिए पार्टी बनायी जाती है लेकिन जब टिकट देने की बारी आती है तो करोड़पति उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाता है।
फूलपुर संसदीय क्षेत्र में राष्ट्रीय गरीब दल के प्रत्याशी दक्खिनी प्रसाद कुशवाहा मैदान में हैं। सबसे रोचक बात यह है कि पार्टी तो गरीब है लेकिन उम्मीदवार करोड़पति हैं।
राष्ट्रीय गरीब दल के नाम से पता चलता है कि आम आदमी और गरीबों के हक की लड़ाई लडऩे के लिए ही पार्टी का गठन किया गया होगा और उसी हिसाब से नाम भी रखा गया है, लेकिन पार्टी ने करोड़पति उम्मीदवार को तरजीह दी है।
दक्खिनी प्रसाद के पास कुल दो करोड़ सात लाख तेइस हजार सात सौ नौ रुपए की संपत्ति है। दक्खिनी के पास 1,52,23,709 रुपए की चल सम्पत्ति और 55 लाख की अचल सम्पत्ति है।
राजनीतिक दलों की पंसद करोड़पति
एक दौर था जब समाज सेवा के उद्देश्य से लोग राजनीति में आते थे। राजनीति में आने के लिए पैसे की जरूरत नहीं होती है। जो नेता जनता के जितना करीब होता था वह उतना ही बड़ा नेता। राजनीतिक दलों के शीर्ष में बैठे नेता भी नेता की छवि और क्षेत्र में जनाधार देखकर ही टिकट देते थे।
समय बदला तो राजनीति की नीति और सिद्धांत भी बदल गया। अब राजनीति पेशा हो गया है, जिसमें रसूखदार और पैसे वालों को तरजीह दी जा रही है। पार्टी के लिए क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ता का कोई महत्व नहीं है। टिकट तो दूर वह नेता भी नहीं बन पा रहा है।
यूपी में पांचवे चरण तक के बीजेपी के सभी प्रत्याशी करोड़पति
चुनाव सुधार पर काम करने वाली संस्था एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पांचवे चरण तक में बीजेपी के सभी उम्मीदवार करोड़पति है। पांचवे चरण तक में 53 सीटों के उम्मीदवारों का लेखा जोखा एडीआर प्रस्तुत कर चुकी है।
जहां बीजेपी के 100 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति है तो वहीं कांग्रेस, सपा-बसपा के अधिकांश उम्मीदवार करोड़पति हैं। क्षेत्रीय दलों की भी रेसियो देखे तो उसमें भी करोड़पति उम्मीदवारों की भरमार है।