23 सालों से जल संरक्षण के क्षेत्र में जुटे हैं परमार्थ के संजय सिंह
जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली : जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बुधवार को विज्ञान भवन में जल संरक्षण के लिए स्थापित पहला राष्ट्रीय पुरस्कार परमार्थ समाज सेवी संस्थान को जलशक्ति मिनिस्टर, भारत सरकार श्री गजेंद्र शेखावत ने प्रदान किया ।
राष्ट्रीय जल मिशन के मिशन डायरेक्टर जी अशोक कुमार की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग कमेटी और शशि शेखर, पूर्व सचिव, जल संसाधन मंत्रालय ज्यूरी ने पुरस्कारों के लिए इन संस्थाओं व व्यक्तियों का चयन किया।
गठन बाद से ही जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार जल संरक्षण और संवर्धन करने वाली संस्थाओ और व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता रहा है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इंडिया वाटर वीक का उद्घाटन किया गया। देश में जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करने का यह पहला आयोजन है। इसी क्रम में राष्ट्रीय जल मिशन के अंतर्गत पुरस्कारों की स्थापना की गई। परमार्थ को पानी का उपयोग क्षमता में 20 प्रतिशत की वृद्धि की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। इस श्रेणी में परमार्थ पुरस्कार प्राप्त करने वाली अकेली संस्था है।
मालूम हो कि जल और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के क्षेत्र में 23 वर्षों से कार्यरत परमार्थ समाज सेवी संस्थान को बुंदेलखंड गौरव अवार्ड (2019), राष्ट्रीय सीएसओ अवार्ड (2016), बनवारी लाल जोशी अवार्ड (2014), जनमित्र अवार्ड (2011) आदि मिल चुका है।
परमार्थ ने बुंदेलखंड में जल संरक्षण के कार्यों की शुरुआत 23 वर्षों पहले आरम्भ की थी, जब पानी का संकट इतना गम्भीर नही था।
बुंदेलखंड में परमार्थ के प्रयासों से 100 से अधिक चंदेल कालीन तालाबों का संरक्षण किया गया है। इस कार्य के लिए परमार्थ के जल सहेली”, पानी पंचायत” और सामुदायिक जल उपयोग योजना” के मॉडल को तैयार किया, जिसे कुछ ही दिनों में पूरी दुनिया में खूब प्रसिद्धि मिली है।
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परमार्थ के सचिव संजय सिंह जल संरक्षण के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम फॉर वाटर, नार्वे (2019), नाबार्ड वाटर डेलीगेशन, ब्राजील (2016), वर्ल्ड वाटर फोरम, दक्षिण कोरिया (2015), वर्ल्ड वाटर सिंपोजियम, जापान 2012), वर्ल्ड वाटर राईट कांफ्रेंस, फ्रांस (2012), वर्ल्ड वाटर फोरम, इस्तांबुल (2009) में सहभागिता कर चुके हैं।
इन पुरस्कारों के लिए देश भर से अलग-अलग श्रेणियो में केंद्र और राज्य सरकार के विभागों, सामाजिक संगठनो, जल उपयोगकर्ता संघों, स्वयं सहायता समूहों, निवासी कल्याण संघों आदि को 2 लाख रुपए की पुरस्कार राशि और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है।
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