जुबिली न्यूज डेस्क
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होम गार्ड विभाग में ट्रांसफर किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की है।
उन्होंने अपनी याचिका में अदालत से उन आरोपों की जांच कराये जाने की भी मांग की है जिसका जिक्र उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में किया था।
ऐसा माना जा रहा है कि सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी परमबीर सिंह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर सकते हैं।
शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में परमवीर सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आदेश देने की मांग की है, “ताकि सीबीआई महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री श्री अनिल देशमुख के भ्रष्ट आचरण की तुरंत निष्पक्ष, बिना किसी के प्रभाव के, तटस्थ और साफ-सुथरी जॉंच कर सके।”
Former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh files a petition before the Supreme court about his transfer to Home Guard Department.
(File photo) pic.twitter.com/Q7Wce4HN2o
— ANI (@ANI) March 22, 2021
इसके अलावा परमबीर सिंह ने अदालत से मांग की है कि वो महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश को रद्द करे जिसके तहत मुंबई पुलिस के आयुक्त पद से उनका ट्रांसफर कर दिया गया है।
उन्होंने अदालत से इसके लिए आदेश जारी करने की मांग की है। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार का यह आदेश अवैध और मनमाना है।
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शनिवार को परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक लंबा पत्र लिखकर राज्य के गृह मंत्री देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली का आरोप लगाया था। उनके इस आरोप के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान आ गया है।
बीजेपी ने गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांगा है तो वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस्तीफे का कोई सवाल नहीं उठता है।
सोमवार को एनसीपी शरद पवार ने कहा कि सिंह ने जिस बीच वसूली का आरोप लगाया है उस समय देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और ये पूरा मामला भटकाने वाला है।
पवार ने ये भी कहा कि इन आरोपों की वजह से राज्य में उनके गठबंधन की सरकार को कोई खतरा नहीं है।