जुबिली न्यूज डेस्क
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा हुआ है. सत्तारूढ़ गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार गुट के शामिल होने के साथ ही बड़े मंत्री पद के दावेदारों की संख्या बढ़ गई है. साथ ही शिवसेना के शिंदे गुट से जुड़े विधायकों के बीच नाराजगी भी बढ़ गई है. सूत्रों की मानें तो टीम अजित पवार के महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल होने के बाद से शिंदे कैंप में मंत्री मंडल विस्तार को लेकर टेंशन बढ़ गई है.
माना जा रहा है कि अब मंत्री पद को लेकर खींचतान का दौर शुरू हो गया है. शिंदे कैंप फाइनेंस अपने साथ रखना चाहता है, जबकि अजित पवार फाइनेंस अपने लोगों के लिए मांग रहे हैं. अगर फाइनेंस अजित पवार के गुट को मिलता है तो शिंदे कैंप बड़ा कदम उठा सकता है.
अजीत गुट को नहीं मिलेंगे ये विभाग
NCP के मंत्रियों को शामिल किए जाने से नाराज शिंदे समूह के विधायकों ने अपने नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की है, जहां उन्होंने कहा कि वित्त, सिंचाई और सार्वजनिक निर्माण जैसे प्रमुख विभाग NCP के अजीत गुट के मंत्रियों को नहीं दिए जाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब अजित पवार के पास महा विकास अघाड़ी सरकार में वित्त विभाग था, तो वह NCP के गढ़ों में परियोजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित करते थे, जिससे राज्य में NCP का दबदबा बढ़ गया, जिससे शिवसेना को नुकसान हुआ.
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शिंदे खेमे में मची खलबली
मंत्रियों ने एकनाथ शिंदे से कहा कि अगर एनसीपी को दोबारा विभाग दिए गए तो यह शिंदे गुट को सरकार और गठबंधन में तीसरे स्थान पर धकेल देगा. उन्होंने शिंदे से राकांपा को महत्वपूर्ण विभाग सौंपने के प्रयासों का विरोध करने को कहा. अजित को वित्त विभाग मिलने को लेकर शिंदे खेमे की बेचैनी अपेक्षित स्तर पर थी जब यह एमवीए से बाहर हो गए तो शिंदे गुट के विधायकों ने आरोप लगाया था कि उन्हें एनसीपी द्वारा हाशिए पर रखा गया था और एनसीपी क्षेत्रों में ‘धन के विषम आवंटन’ के लिए अजित के वित्त विभाग को जिम्मेदार ठहराया था.
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