जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. तमिलनाडु की सड़कों पर भीख मांगकर अपना पेट भरने का इंतजाम करने वाले के.एम.पुल पांडिया कोरोना मरीजों की मदद के लिए छठी बार मुख्यमंत्री राहत कोष में दस हज़ार रुपये जमा कराने मदुरै के जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो वहां मौजूद लोग आश्चर्यचकित रह गए. कोरोना काल शुरू होने के बाद से पांडिया अपनी कमाई का अधिकाँश हिस्सा मरीजों के इलाज के लिए दान करते आ रहे हैं. कोरोना नहीं था तब वह अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा स्कूलों का बुनियादी ढांचा बेहतर बनाने के लिए दान कर देते थे.
64 साल के पांडिया शरीर से कमज़ोर हैं. सफ़ेद लम्बी दाढ़ी, माथे पर तिलक लगाए पांडिया शक्ल से ही गरीब नज़र आते हैं लेकिन जिस अंदाज़ में वह अपनी कमाई को अच्छे कामों में लगा रहे हैं वह धनवान लोगों के लिए एक बड़ा सबक है.
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पांडिया का कहना है कि उनका न घर है न परिवार. ऐसे में पैसे बचाने की क्या ज़रूरत है. पेट भरने से ज्यादा पैसे चाहिए भी नहीं. यही वजह है कि वह अपनी कमाई स्कूलों में लगाते हैं ताकि पढ़ने वाले बच्चो की ज़िन्दगी संवर जाए. अब कोरोना की मुसीबत आ गई है तो स्कूल बंद हो गये हैं. ऐसे हालात में बेहतर यह लगा कि कोरोना मरीजों की मदद के लिए पैसे जमा किये जाएँ.