जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना के चलते यूपी में तय समय पर पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी नहीं हुई हैं। लिहाजा इसे आगे बढ़ा दिया गया है। खबर है कि अप्रैल 2021 में प्रस्तावित पंचायत चुनावों की तैयारियां पूरी होने से पहले ही नया कानून लागू करने की कवायद शुरू हो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार दो से ज्यादा बच्चों वाले लोगों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है। बताया जा रहा है कि जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार ऐसा फैसला ले सकती है। पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में प्रस्तावित थे।
ये भी पढ़े: तो इस वजह से सुनील ग्रोवर के साथ काम नहीं करना चाहती शिल्पा शिंदे
ये भी पढ़े: रिलायंस के इस कदम से बच गई हजारों परिवार की रोजी-रोटी
ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनावों को लेकर बड़ा संशोधन करने की तैयारी में है। दरअसल, जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकती है।
ये भी पढ़े: अदालत ने मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के दावे को पाखंड क्यों कहा?
ये भी पढ़े: …जाने पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 10 बड़ी बातें
साथ ही उम्मीदवारों के न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी निर्धारित करने की तैयारी है। बता दें कैबिनेट के माध्यम से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक विधानसभा के अगले सत्र में पेश पंचायतीराज संशोधन कानून से संबंधित विधेयक पेश हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी। ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास होगी, जबकि 12वीं पास उम्मीदवार ही जिला पंचायत सदस्य का चुना लड़ सकेंगे। जिला पंचायत के लिए महिला, आरक्षित वर्ग और क्षेत्र पंचायत के लिए न्यूनतम 10वीं पास होने पर सरकार में सहमति भी बन चुकी है।
इसे लेकर पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए बहुत जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी दिशा निर्देश तय किए जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में आखिरी फैसला सीएम को ही लेना है और जब तक कोई आदेश नहीं आ जाता तब तक कुछ भी स्पष्ट कह पाना मुश्किल होगा।
ये भी पढ़े: कोरोना ने पितरों का पिंडदान भी रोक दिया
ये भी पढ़े: पुराने चेहरों को रास नहीं आ रहा यूपी कांग्रेस में ये बदलाव
ये भी पढ़े: आजाद की नाराजगी का फायदा कैसे उठायेगी भाजपा